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तबलीगी मरकज के संपर्क में आए लोगों को फोन डेटा के जरिए ट्रेस कर रही है पुलिस

By स्वाति सिंह | Updated: April 5, 2020 14:24 IST

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुताबिक इस इमारत का के सिर्फ दो फ्लोर का नक्शा पास है।  इस इमारत का कभी हाउस टैक्स नहीं भरा गया है। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि यहां तकरीबन 70 फ़ीसदी अवैध निर्माण करके मरकज की इमारत बनाई गई।

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ठळक मुद्देपुलिस तबलीगी मरकज में शामिल हुए लोगों की मोबाइल लोकेशन डाटा के जरिए मैपिंग कर रही है। कई राज्यों में जमात में शामिल लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस निजामुद्दीन के तबलीगी मरकज में शामिल हुए लोगों की मोबाइल लोकेशन डाटा के जरिए मैपिंग कर रही है। मालूम हो कि कई राज्यों में जमात में शामिल लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है। इस बीच जमात में शामिल लोगों की कथित तौर पर बदसलूकी की भी खबरे आ रही हैं। 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बताया कि मोबाइल लोकेशन डाटा के जरिए ऐसे लोगों की भी पहचान की जा रही है कि जिनकी मोबाइल लोकेशन कई दिनों तक मरकज के आसपास आ रही है। पहचान के बाद उनसे पूछताछ की जा रही है कि वे मरकज के अंदर गए थे या नहीं, जो लोग अंदर गए थे उन्हें आइसोलोट किया जा रहा है। 

उधर, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुताबिक इस इमारत का के सिर्फ दो फ्लोर का नक्शा पास है।  इस इमारत का कभी हाउस टैक्स नहीं भरा गया है। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि यहां तकरीबन 70 फ़ीसदी अवैध निर्माण करके मरकज की इमारत बनाई गई। अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इस इमारत के तमाम दस्तावेजों को चेक कर रहा है और इस इमारत के अवैध निर्माण को तोड़ने की तमाम कागजी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि भारत में कुल मरीजों की संख्या में इस जमात में शामिल लोगों का हिस्सा 30 फीसदी है।

मैं सेल्फ क्वॉरैंटाइन में हूं: तबलीगी जमात चीफ मौलाना साद 

दिल्ली पुलिस ने जमात के प्रमुख 56 वर्षीय मौलाना साद कंधालवी के खिलाफ केस दर्ज किया है, हालांकि तब से वह गायब हो गए हैं। उन्हें आखिरी बार 28 मार्च को देखा गया था। फिलहाल उनकी तलाश की जा रही है। इसी बीच बुधवार को दो ऑडियो क्लिप सामने आए हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि एक क्लिप में कथित तौर पर मौलाना कह रहे हैं कि वह दिल्ली में एक डॉक्टर की सलाह पर खुद आइसोलेशन में रह रहे हैं।

ऑडियो में मौलाना जमात के लोगों से कह रहे हैं कि वह सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। मौलाना साद ने कहा, 'बेशक इस समय दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है वह इंसानों द्वारा किए गए गुनाहों का नतीजा है। हमें घरों में रहना चाहिए। यही एक तरीका है अल्लाह के कहर को शांत करने का। लोगों को डॉक्टरों की सलाह माननी चाहिए और प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए। हमारे लोग जहां भी हों, वह प्रशासन के आदेशों का पालन करें। जहां कहीं भी हो, खुद को अलग कर लो। ये इस्लाम या शरीयत के खिलाफ नहीं है।'

मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं हो सकती: मौलाना साद

मौलाना साद को ऑडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, ''हमारा यह ख्याल बेकार है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा हो जाएगी। मैं कहता हूं कि अगर तुम्हें यह दिखे भी कि मस्जिद में आने से आदमी मर सकता है। इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती।''

अल्लाह पर भरोसा करो, कुरान नहीं पढ़ते अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं: मौलाना सादऑडियो किल्प में मौलान साद कहते हुए दिख रहे हैं, अल्लाह पर भरोसा करो, कुरान नहीं पढ़ते अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं, भागने लगते हैं। अल्लाह कोई मुसीबत इसलिए ही लाता है कि देख सके कि इसमें मेरा बंदा क्या करता है। मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, ताले लगा देना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी बढ़ेगी तो आप ख्याल को दिल से निकाल दो।

9000 से अधिक लोगों ने धार्मिक सभा में हिस्सा लिया था

इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 9000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था। इस दौरान तबलीगी जमात ने एक धार्मिक आयोजन किया था। यह आयोजन तबलीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय में हुआ था। बताया जा रहा है कि इसमें हजार से भी अधिक लोग जमा हुए थे, जिनमें अधिकतर भारतीय थे। यहीं पर कुछ ऐसे लोग भी थे, जो कोरोना से संक्रमित थे। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे।

इस धार्मिक आयोजन में हिस्से लेने वालों में कुछ वरिष्ठ मौलाना भी थे। जिसमें बहुत लोग सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया से भी आए थे, उन देशों में पहले ही कोरोना बुरी तरह से फैला हुआ है। कार्यक्रम में करीब 250 विदेशी मेहमान थे। विदेशी मेहमानों में थाईलैंड और किर्गिस्तान से आए लोग भी थे, जो अभी वापस नहीं लौटे हैं।

दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात प्रचारक के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत में सात लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा देशभर में  50 से ज्यादा ऐसे कोविड19 के मरीज सामने आ चुके हैं, जिन्होंने तबलीगी जमात दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में भाग लिया था। 

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