प्रशांत किशोर पर नीतीश कुमार का पलटवार, कहा- कांग्रेस के साथ जदयू का विलय कराना चाहते थे वो
By मनाली रस्तोगी | Published: October 8, 2022 12:20 PM2022-10-08T12:20:58+5:302022-10-08T12:23:56+5:30
प्रशांत किशोर के दावे के बारे में पूछे जाने पर कि नीतीश कुमार ने उन्हें हाल ही में एक पद की पेशकश की है बिहार सीएम ने कहा,"यह झूठ है, उन्हें जो बोलना है बोले, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। 4-5 साल पहले उन्होंने मुझसे कहा था कि कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी का विलय कर लीजिए।"
पटना: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, हाल ही में उन्होंने ये दावा किया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि आप हमारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का नेतृत्व कीजिए। किशोर ने दावा किया था कि उन्होंने जदयू का नेतृत्व करने के नीतीश कुमार के हालिया अनुरोध को ठुकरा दिया था। वहीं, अब इसपर कुमार की प्रतिक्रिया सामने आई है।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "यह झूठ है, उन्हें जो बोलना है बोले, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। चार-पांच साल पहले उन्होंने मुझसे कहा था कि कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी का विलय कर लीजिए।" बता दें कि हाल ही में पश्चिम चंपारण जिले के जमुनिया गांव में कुमार पर प्रहार करते हुए किशोर ने कहा था कि मुख्यमंत्री बनके बहुत होशियार बन रहे हैं।
#WATCH | When asked about Prashant Kishor's claim that Nitish Kumar offered him a post recently, Bihar CM says, "It's false. Let him speak whatever he wants,we've nothing to do with it.4-5 yrs back he had told me to merge with Congress.He has gone to BJP & is acting as per it..." pic.twitter.com/5YUzAT6kv8
— ANI (@ANI) October 8, 2022
उन्होंने नीतीश कुमार पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा था, "2014 में (लोकसभा) चुनाव हारने के बाद दिल्ली आकर उन्होंने कहा था कि हमारी मदद कीजिए। महागठबंधन बनाकर (2015 बिहार विधानसभा चुनाव) में हमलोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया, अब बैठकर (मुख्यमंत्री बनकर) हमें ज्ञान दे रहे हैं । अभी 10-15 दिन पहले बुलाकर बोले कि हमारी पार्टी का नेतृत्व कीजिए, हमने कहा कि अब यह नहीं हो सकता है।"
बताते चलें कि आईपैक के संस्थापक प्रशांत किशोर को 2018 में नीतीश कुमार द्वारा जदयू में शामिल किया गया था और वह कुछ ही हफ्तों में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये गए थे। हालांकि सीएए-एनपीआर-एनआरसी विवाद को लेकर कुमार के साथ तकरार के कारण कुछ साल से भी कम समय में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
(भाषा इनपुट के साथ)