विपक्षी एकता पर बोले नीतीश कुमार - हमारी इच्छा यह है कि ज्यादा से ज्यादा दल एकजुट हो जाएं
By एस पी सिन्हा | Published: March 11, 2023 06:13 PM2023-03-11T18:13:33+5:302023-03-11T18:15:15+5:30
विपक्षी एकजुटता को लेकर कांग्रेस से अपील करने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमने हमेशा अपील की है। अभी हाल में हुई दो बैठक में भी हमने इसको लेकर कहा है। इसको लेकर सीपीआई-एमएल की बैठक में भी हमने कहा था और इसके बाद सातों पार्टियों की पूर्णिया में हुई रैली में भी हमने कह दिया है। सभी लोग पॉजिटिव बोल रहे हैं।
पटना: केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर अक्सर विपक्षी पार्टियां केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहती हैं। अभी हाल ही में देश के 9 विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री को केंद्रीय जांच एजंसियों के दुरुपयोग को लेकर एक पत्र लिखा गया है। सभी 9 दलों की ओर से पत्र पर दस्तखत भी किया गया, लेकिन विपक्षी एकता की मुहीम चलाने वाले नीतीश कुमार इससे अलग रहे। ऐसे में यह पूछे जाने पर कि विपक्षी दलों के पत्र पर दस्तखत क्यों नहीं किया? इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कोई मतभेद की बात नहीं है। हम तो सभी के हित में यही चाह रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी अपनी कोई ख्वाहिश नहीं है। कांग्रेस से हमने बराबर अपील की है। हाल में भी दो बार कहा है। हम तो इंतजार कर रहे हैं। बाकी लोग भी सकारात्मक बोल रहे हैं। जो फाइनल करेंगे, उसके बाद ही कुछ होगा। अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग काम करती हैं, इन सब चीजों से हमारा कोई मतलब नहीं है। हम तो रात-दिन काम में सक्रिय रहते हैं। व्यस्त रहते हैं। हमारी इच्छा यह है कि ज्यादा से ज्यादा दल एकजुट हो जाएं। एक राउंड हमने बात कर ली है। यदा कदा बात होती रहती है। जब होगा तो जाएंगे। छोटी-मोटी चीज के लिए कहां जाने की जरूरत है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हाल ही में समाधान यात्रा के दौरान हमने सभी जिलों में जाकर वहां की समस्या को लेकर जानकारी ली है। उन समस्याओं के निदान को लेकर हम लोग काम कर रहे हैं। विपक्षी एकजुटता को लेकर कांग्रेस से अपील करने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमने हमेशा अपील की है। अभी हाल में हुई दो बैठक में भी हमने इसको लेकर कहा है। इसको लेकर सीपीआई-एमएल की बैठक में भी हमने कहा था और इसके बाद सातों पार्टियों की पूर्णिया में हुई रैली में भी हमने कह दिया है। सभी लोग पॉजिटिव बोल रहे हैं। बिहार में तो सात दल मिलकर काम कर रहे हैं। यहां कोई दिक्कत नहीं है।
बिहार मे शराबबंदी मॉडल के अध्ययन के लिए छत्तीसगढ़ से आई टीम के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि टीम से बहुत अच्छे ढंग से बात हुई है। हमने उन्हें 2018 के सर्वे के बारे में बताया कि शराबबंदी लागू होने के बाद 1.64 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। इसके बाद जब हाल में सर्वे कराया तो यह बात सामने आई कि 1.82 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। बिहार में 99 प्रतिशत महिलाएं शराबबंदी के पक्ष में हैं। वहीं, 92-93 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी का समर्थन करते हैं।