देश में बनी पहली लग्जरी इलेक्ट्रिक कार Mercedes-Benz EQS 580 हुई लांच, गडकरी बोले- मैं भी नहीं खरीद सकता आपकी कार
By मनाली रस्तोगी | Published: October 1, 2022 09:58 AM2022-10-01T09:58:11+5:302022-10-01T09:59:09+5:30
पुणे में Mercedes-Benz EQS 580 के लॉन्चिंग समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कंपनी से कहा कि आप उत्पादन बढ़ाएं, तभी लागत कम करना संभव है। हम मध्यम वर्ग के लोग हैं, मैं भी आपकी कार नहीं खरीद सकता।
पुणे: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) को स्थानीय स्तर पर अधिक कारों का उत्पादन करने के लिए कहा. साथ ही गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के कदम से लागत में वृद्धि के अलावा लागत में कमी आती है। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत मर्सिडीज-बेंज ने पुणे में बनी पहली सबसे शानदार लग्जरी इलेक्ट्रिक कार को पेश किया है।
ऐसे में पुणे में Mercedes-Benz EQS 580 के लॉन्चिंग समारोह में बोलते केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा बाजार है। आप उत्पादन बढ़ाएं, तभी लागत कम करना संभव है। हम मध्यम वर्ग के लोग हैं, मैं भी आपकी कार नहीं खरीद सकता। बता दें कि लग्जरी इलेक्ट्रिक कार (EQS 580) की एक्स-शोरूम कीमत 1.55 करोड़ रुपए है। EQS 580 कंपनी की EQC SUV और AMG EQS53 4MATIC फ्लैगशिप EV से जुड़ी है।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने अक्टूबर 2020 में पूरी तरह से आयातित इकाई के रूप में अपनी ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी ईक्यूसी के लॉन्च के साथ भारत में अपना इलेक्ट्रो-मोबिलिटी ड्राइव शुरू किया, जिसकी कीमत 1.07 करोड़ रुपए थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, देश में कुल 15.7 लाख पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहन हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर ईवी बिक्री 335 प्रतिशत बढ़ने के साथ एक बड़ा बाजार है। इसके अलावा गडकरी ने ये भी कहा कि देश में एक्सप्रेस हाईवे बनने से मर्सिडीज-बेंज इंडिया को इन कारों के लिए अच्छा बाजार मिलेगा।
गडकरी ने आगे कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल का आकार वर्तमान में 7.8 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें निर्यात 3.5 लाख करोड़ रुपये है और मेरा सपना इसे 15 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बनाना है। गडकरी ने मर्सिडीज-बेंज के वाहन स्क्रैपिंग इकाइयों की स्थापना के लिए संयुक्त उद्यम स्थापित करने का विचार भी रखा, जिससे कंपनी को अपने पुर्जों की लागत को 30 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, हमारे पास 1.02 करोड़ वाहन स्क्रैपिंग के लिए तैयार हैं। हमारे पास केवल 40 इकाइयां हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा अनुमान है कि हम एक जिले में चार स्क्रैपिंग यूनिट खोल सकते हैं। और इतनी आसानी से हम 2,000 ऐसी इकाइयां खोल सकते हैं। अपनी बात को जारी रखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि मेरा सुझाव है कि आप कुछ ऐसी इकाइयां स्थापित कर सकते हैं जो आपको पुनर्चक्रण के लिए कच्चा माल देगी जिससे आपकी घटक लागत 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। सरकार ऐसी सुविधाओं को बढ़ावा दे रही है और जरूरी है कि हमें आपकी तरफ से सहयोग मिले।