आदित्य ठाकरे की अपील पर 400 साल पुराने पेड़ के लिए नितिन गडकरी ने बदला हाइवे का नक्शा
By पल्लवी कुमारी | Published: July 25, 2020 12:30 PM2020-07-25T12:30:20+5:302020-07-25T12:30:20+5:30
महाराष्ट्र के सांगली जिले (Sangli district) के भोसे गांव में 400 साल पुराने बरगद के पेड़ ( 400-year-old banyan tree) के पास से निर्माणाधीन रत्नागिरी- नागपुर हाइवे (Ratnagiri-Solapur highway) नंबर 166 गुजरने वाला था। जिसके लिए पेड़ को काटना पड़ता। लेकिन विरोध के बाद हाईवे का नक्शा बदल दिया गया है।
मुंबई:महाराष्ट्र के सांगली जिले (Sangli district) के भोसे गांव में एक 400 साल पुराना बरगद का पेड़ ( 400-year-old banyan tree) है। इस पेड़ के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने निर्माणाधीन हाइवे के सर्विस रोड का पूरा नक्शा बदल दिया है। नितिन गडकरी ने इस पेड़ को बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में बदलाव करके प्रोजेक्ट पूरा करने का आदेश दिया है।
असल में सांगली जिले के भोसे गांव का 400 साल पुराना बरगद का पेड़ सोशल मीडिया पर उस वक्त सुर्खियों में आया जब इसको बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इसका विरोध करना शुरू किया। सांगली जिले के निर्माणाधीन हाइवे का सर्विस रोड 400 साल पुराने बरगद के पेड़ के पास से गुजरता है। इसलिए यह पेड़ काटकर रोड बनाई जा रही थी। लेकिन इसको लेकर कुथ दिनों से भारी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।
भोस देवस्थान ट्रस्ट की ग्राम पंचायत, पर्यावरणविद् और प्रकृति प्रेमी पेड़ को काटने वाले कदम के खिलाफ थे और उन्होंने इसके लिए एख आंदोलन भी शुरू किया था।
विरोध को बढ़ता देख आदित्य ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की थी अपील
सांगली जिले में पेड़ को बचाने के लिए बढ़ते विरोध को देख महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Tourism and Environment Minister Aaditya Thackeray) ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात की। आदित्य ठाकरे ने नितिन गडकरी को ट्वीट कर कहा कि वह इस पेड़ को कटने से रोकें।
आदित्य ठाकरे ने नितिन गडकरी को पत्र लिख कहा, यह बरगद का पेड़ 400 वर्ग मीटर में फैला हुआ। इसके पास एक यलमा देवी मां का मंदिर है। ठाकरे ने लिखा, यह पेड़ न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि चमगादड़ों और अन्य दुर्लभ पक्षियों के लिए एक प्राकृतिक आवास भी है। इसके अलावा यह वहां रह रहे बच्चों के खेलने की भी जगह है।
जिसके बाद नितिन गडकरी ने अपने डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात करके इस हाइवे के आरेखन में तब्दीली करके बरगद के इस 400 साल पुराने पेड़ को बचाने को कहा है। बुधवार को सरकारी विभाग के अधिकारी वहां रैकी करने के लिए गए और दूसरा नक्शा निकालने पर विचार किया। आखिरकार यह पेड़ बच गया है। निर्माणाधीन रत्नागिरी- नागपुर हाइवे (Ratnagiri-Solapur highway) नंबर 166 सांगली जिले के भोसे गांव के पास से गुजर रहा है।