निर्भया कांडः दोषियों को 3 मार्च को फांसी पर चढ़ाने का आदेश, दोषी पवन गुप्ता के पास बचे हैं दो विकल्प, जानें पूरा मामला
By रामदीप मिश्रा | Published: February 17, 2020 05:50 PM2020-02-17T17:50:52+5:302020-02-17T17:52:59+5:30
Nirbhaya Case: निर्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और दरिंदगी के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार (17 जनवरी) को निर्भया मामले के चारों दोषियों को फांसी देने लिए तीन मार्च की तारीख मुकर्रर कर दी। उन्हें सुबह छह बजे फांसी दी जाएगी। लेकिन, मामले के दोषी पवन गुप्ता के पास दो विकल्प बचे हुए हैं। इसके अलावा तीन अन्य आरोपियों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। पवन सुधारात्मक याचिका दाखिल करना चाहता है। पवन गुप्ता के वकील ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करना चाहता है। दरअसल, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने के लिए नए मृत्यु वारंट जारी किए हैं।
कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की याचिकाओं पर सुनवाई की
कोर्ट ने दोषियों के लिए मौत के नए फरमान जारी करने की मांग करने वाली दिल्ली सरकार और निर्भया के माता-पिता की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को यह स्वतंत्रता दी थी कि वे दोषियों को फांसी देने के लिए नए मृत्यु वारंट जारी करने के लिए निचली अदालत से गुहार लगा सकते हैं।
मुकेश कुमार सिंह का नए वकील रवि काजी
सुनवाई के दौरान चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह ने अदालत से कहा कि वह नहीं चाहता है कि अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसकी पैरवी करें। तब अदालत ने वकील रवि काजी को उसका पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया। अदालत को यह भी सूचित किया गया कि इस मामले का अन्य मुजरिम विनय शर्मा तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है।
विनय का उपयुक्त ख्याल रखने का निर्देश
विनय के वकील ने अदालत से कहा कि जेल में उस पर हमला किया गया और उसके सिर में चोट आयी है। विनय के वकील ने यह भी कहा कि वह गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त है इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती। तब अदालत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को कानून के मुताबिक विनय का उपयुक्त ख्याल रखने का निर्देश दिया। अक्षय कुमार के वकील ने अदालत से कहा कि उन्होंने नई दया अर्जी तैयार की है जिसे राष्ट्रपति को दिया जाएगा।
निर्भया केस में सबसे पहले 22 जनवरी थी फांसी की तारीख
सबसे पहले फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। लेकिन 17 जनवरी के अदालत के आदेश के बाद इसे टालकर एक फरवरी सुबह छह बजे किया गया था। फिर 31 जनवरी को निचली अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। निर्भया मामले के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
निर्भया से 16 दिसंबर 2012 में किया गया था गैंगरेप
निर्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और दरिंदगी के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी। मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था, जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)