निर्भया केस के दोषी के पिता ने गवाह के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, लगाया 'झूठा' होने का आरोप
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 14, 2019 01:14 PM2019-11-14T13:14:42+5:302019-11-14T13:14:42+5:30
Nirbhaya Case: 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप केस के एक दोषी के पिता ने इस केस के एकमात्र दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है
दिसंबर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप केस और मर्डर मामले के एक दोषी हत्यारे के पिता ने इस मामले के एकमात्र गवाह के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है।
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'इस मामले के एक दोषी पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता ने आरके पुरम पुलिस स्टेशन में साउथ वेस्ट दिल्ली के डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) को की गई अपनी शिकायत में कहा है कि इस मामले का गवाह झूठा था और पैसे लेकर मीडिया में बयान देता रहा है।'
इस मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता दिल्ली के मंडोली जेल की जेल नं.14 में बंद हैं।
निर्भया केस के एकमात्र गवाह के खिलाफ केस दर्ज
पवन के पिता हीरा लाल गुप्ता द्वारा 2 नवंबर 2019 को दायर अपनी शिकायत में कहा है, 'मुझे 12 अक्टूबर 2019 को सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि निर्भया का दोस्त, जिसे इस मामले में गवाह बनाया गया था, पैसे के लिए बयान दिया करता था।'
अपनी शिकायत में गुप्ता ने पुलिस द्वारा की गई जांच पर सवाल उठाए हैं, जिसके आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया गया था।
गुप्ता की अपील में गवाह के रूप में एक टीवी चैनल के दो-तीन वरिष्ठ पत्रकारों के नामों का भी जिक्र है।
कुछ दिनों पहले खुद को एक चैनल का पूर्व मैनेजिंग एडिटर बताने वाले एक व्यक्ति ने दावा किया था कि निर्भया का दोस्त और इस मामले का एकमात्र गवाह चैनलों को बयान और इंटरव्यू देने से पहले पैसे लिया करता था। इस व्यक्ति ने इस पूरी घटना का स्टिंग ऑपरेशन किए जाने का भी दावा किया था।
हालांकि इससे ये सवाल भी उठता है कि टीवी चैनल ने इस स्टिंग ऑपरेशन को प्रसारित क्यों नहीं किया? दोषी के वकील ने कहा, 'ये स्टिंग मेरे मुवक्किल को बचा सकता था। हम मैनेजिंग एडिटर को स्टिंग ऑपरेशन के साथ कोर्ट में पेश होने के लिए कहेंगे। कानून हर किसी के लिए एक है।'
गुप्ता ने कहा कि उन्होंने भी अपनी याचिका में सोशल मीडिया की क्लिपिंग्स दी हैं, जो पुलिस को मामले की जांच में मदद करेगी। उन्होंने अपने प्रार्थनापत्र में मैनेजिंग एडिटर के नाम का भी खुलासा किया है।
IANS के मुताबिक, इस मामले के चार में से तीन दोषियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने कहा, 'अगर ये सच है कि मामले के एकमात्र गवाह ने पैसे लेकर टीवी इंटरव्यू दिए हैं, तो हम अपने मुवक्किलों को बचाने के लिए हर कानूनी तरीके का सहारा लेंगे। हमारे मुवक्किल झूठी गवाही की सजा क्यों भुगतें। कोर्ट उस गवाह पर कैसे भरोसा करेगी जिसके इरादे संदेहास्पद हैं।'
आरके पुरम पुलिस स्टेशन के स्टेशन इन चार्ज (SHO) रवीद्र मलिक ने IANS से कहा, 'हां, हमें शिकायत मिली है।'
निर्भया गैंगरेप मामले की एफआईआर वसंत विहार पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी, लेकिन गवाह के खिलाफ केस आरके पुरम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।
सिंह ने कहा, हमने मामले की शिकायत वसंत विहार पुलिस स्टेशन में दर्ज करने की कोशिश की थी, लेकिन एसएचओ गोल-मटोल कर रहे थे। इसके बाद हमने डीसीपी डीसीपी देवेंद्र आर्या के ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई।
वसंत विहार पुलिस के एसएचओ रवि शंकर ने कहा, 'वे मेरे पास शिकायत दर्ज कराने आए थे, लेकिन क्योंकि वे आरके पुरम में रहते हैं, इसलिए मैंने मामला दर्ज नहीं किया।'