'कोरोनिल' का क्लीनिकल ट्रायल करने वाले NIMS के चेयरमैन पलटे, कहा-रामदेव जानें, कैसे किया 'कोरोना दवा' का दावा
By पल्लवी कुमारी | Published: June 26, 2020 07:43 AM2020-06-26T07:43:27+5:302020-06-26T11:40:59+5:30
पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali) कोरोना की दवाई 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) के लॉन्च करने के कुछ घंटे बाद ही 23 जून को आयुष मंत्रालय ने दवाई के प्रचार पर रोक लगा दी थी। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि जांच के बाद ही दवा की ब्रिकी की इजाजत दी जाएगी। आयुष मंत्रालय फिलहाल दवाई की जांच में लगी हुई है।
नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali) की 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आयुष मंत्रालय ने साफ कहा है कि पतंजलि को 'कोरोनिल' को लेकर ऐसा दावा नहीं करना चाहिए था कि इससे शत-प्रतिशत कोरोना के मरीजों का इलाज होगा। इस पूरे मामले पर अब पतंजलि के साथ 'कोरोनिल' का क्लीनिकल ट्रायल करने वाले निम्स विश्वविद्यालय (NIMS) के मालिक और चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीएस तोमर ने इंडिया टूडे से बात करते हुए कहा है कि हमनें अपने अस्पतालों में किसी कोरोना की दवा का क्लीनिकल ट्रायल नहीं किया है।
NIMS राजस्थान के अध्यक्ष और चांसलर, डॉ. बीएस तोमर ने इंडिया टुडे को बताया, "मरीजों पर परीक्षण करने के लिए हमारे पास सभी आवश्यक अनुमति थीं। परीक्षण के लिए पूर्व अनुमति क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री (CTRI) से ली गई थी, जो आईसीएमआर की एक संस्था है। मेरे पास अनुमति के दिखाने के लिए सबूत हैं।
डॉ. बीएस तोमर ने कहा, "निम्स, जयपुर में 100 मरीजों पर परीक्षण किया गया। परिणाम के अनुसार, 69 प्रतिशत 3 दिनों में ठीक हो गए और 100 प्रतिशत 7 दिनों में ठीक हो गए।"
डॉ. बीएस तोमर ने कहा- मैं नहीं जानता कि योग गुरु रामदेव ने 'कोरोनिल' को कोरोना इलाज की दवा कैसे बताई
डॉ. बीएस तोमर ने कहा, ''अब ये सवाल उठता है कि कोरोनिल इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर प्रचारित किया जाना चाहिए या कोरोना का इलाज करने वाली दवा के रूप में...इसका जवाब सिर्फ पतंजलि से पूछा जाना चाहिए। हमने 2 जून को राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया था। हमें सरकार ने स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक पत्र भेजा है। हम इसका जवाब देंगे।"
बीएस तोमर ने कहा कि हमने इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी दिया था। मैं नहीं जानता कि योग गुरु रामदेव ने इसे कोरोना का शत प्रतिशत इलाज करने वाला कैसे बता दिया।
20 मई 2020 को निम्स विश्वविद्यालय ने सीटीआरआई से औषधियों के इम्यूनिटी टेस्टिंग के लिए इजाजत ली थी। जिसके बाज 23 मई 2020 ट्रायल शुरू किया गया। जिसके बाज 23 जून तो योग गुरु बाबा रामदेव ने दवाई को लॉन्च कर दिया।
निम्स के चेयरमैन का कहना है कि हमारी फाइंडिंग अभी 2 दिन पहले ही आई थी। लेकिन योग गुरु बाबा रामदेव ने दवा कैसे बनाई है वह वही बता सकते हैं, मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता हूं।
योग गुरु बाबा रामदेव का दावा- हमें सभी प्रॉटोकॉल का पालन किया
योग गुरु बाबा रामदेव ने 23 जून 2020 को पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali) द्वारा बनाई गई कोरोना वायरस ( COVID-19) के इलाज के लिए 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) लॉन्च की थी। जिसको लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने दावा किया कि कोरोनिल और श्वसारि ने कोरोना ट्रायल में 100 फीसदी सही नतीजे दिए हैं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने यह भी दावा किया था कि पतंजलि रिसर्च सेंटर और जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने सभी प्रॉटोकॉल का पालन करते हुए क्लीनिकल ट्रायल किया।
'कोरोनिल' पर विवाद के बड़े अपडेट
-उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' पर सवाल उठाते हुए कहा, बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था।
-राजस्थान सरकार ने 24 जून को सबसे पहले पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali)की 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) पर राज्य में रोक लगाई।
-25 जून को कोरोनिल टैबलेट पर महाराष्ट्र सरकार ने भी प्रतिबंध लगा दिया है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में महाराष्ट्र में दवा की बिक्री पर पाबंदी रहेगी।