निम्हांस और लिवरपूल विश्वविद्यालय ने मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरोसाइंसेस में अनुसंधान के लिए एम.ओ.यू पर हुए हस्ताक्षर
By अनुभा जैन | Published: November 7, 2023 07:14 PM2023-11-07T19:14:22+5:302023-11-07T19:16:29+5:30
लोकमत प्रतिनिधि डॉ. अनुभा जैन से बात करते हुए प्रो. टॉम सोलोमन ने कहा, “शोध ने भारत में 200,000 से अधिक लोगों की जान बचाई गयी है। साझेदारी का उद्देश्य सीएनएस संक्रमण के लिए निदान, उपचार और टीके की उन्नति है।
बेंगलुरुःनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निम्हांस), बेंगलुरु और यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल, यूके ने अपनी लंबे समय से चली आ रही अनुसंधान साझेदारी की पुष्टि और विस्तार करने के लिए 7 नवंबर 2023 को निम्हांस, बेंगलुरु में एक समझौता ज्ञापन या एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए हैं।
अनुसंधान साझेदारी को प्रतीक्षा ट्रस्ट द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जिसके माध्यम से एक्सिलर वेंचर्स के अध्यक्ष और इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन ने समर्थन में 15 करोड रूपयों ( £1.5 million ) की आर्थिक मदद का वादा किया है।
साझेदारी में तीन प्रमुख अनुसंधान चरण हैं, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा किया जाता हैः लिवरपूल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टॉम सोलोमन और निम्हांस से डॉ नेत्रवती के नेतृत्व में मस्तिष्क संक्रमण; बाल और मातृ मानसिक स्वास्थ्य, जिसमें लिवरपूल विश्वविद्यालय के प्रो. हेलेन शार्प और निम्हांस से प्रो. प्रभा चंद्रा के नेतृत्व में बैंगलोर बाल स्वास्थ्य और विकास अध्ययन जैसे सहयोगात्मक अनुदैर्ध्य अध्ययन शामिल हैं;
न्यूरो-इमेजिंग और मिर्गी अनुसंधान, लिवरपूल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर साइमन केलर और निमहंस के डॉ. संजीब सिन्हा और डॉ. जितेंद्र सैनी के नेतृत्व में। साझेदारी में एक दोहरा पीएचडी कार्यक्रम, और अनुसंधान प्राथमिकताएं निर्धारित करने और अनुसंधान के नए रास्ते तलाशने के लिए संयुक्त कार्यशालाएं, शोधकर्ता विनिमय कार्यक्रम और संयुक्त वार्षिक संगोष्ठी भी शामिल हैं।
निम्हांस और लिवरपूल विश्वविद्यालय (यूओएल) के बीच सहयोगात्मक साझेदारी 2002 में प्रोफेसर टॉम सोलोमन और प्रोफेसर वी. रवि द्वारा “जापानी एन्सेफलाइटिस“ और संबंधित मस्तिष्क संक्रमण पर यूके मेडिकल रिसर्च काउंसिल द्वारा वित्त पोषित की गई थी।
लोकमत प्रतिनिधि डॉ. अनुभा जैन से बात करते हुए प्रो. टॉम सोलोमन ने कहा, “शोध ने भारत में 200,000 से अधिक लोगों की जान बचाई गयी है। साझेदारी का उद्देश्य सीएनएस संक्रमण के लिए निदान, उपचार और टीके की उन्नति है। इस सहयोग ने यूके मेडिकल रिसर्च काउंसिल, इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च और गेट्स फाउंडेशन जैसे विभिन्न संगठनों से कुल £10 मिलियन की पर्याप्त बाहरी फंडिंग भी आकर्षित की है। प्रो. सोलोमन ने आगे कहा कि जापानी एन्सेफलाइटिस टीकाकरण कार्यक्रम अभी भी चल रहा है और टीकाकरण की खुराक से पूरे एशिया में 200 हजार मौतों को टाला गया है। 11 नए देशों में टीकाकरण शुरू हो गया है।”
डॉ. नेत्रावती एम और डॉ. लांस टर्टल ने बताया कि पर्यावरण परिवर्तन और जलवायु कारक इस बीमारी का मुख्य कारण हैं। यह मच्छरों से आता है।”
लिवरपूल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टिम जोन्स ने लोकमत टाइम्स की प्रतिनिधि डॉ. अनुभा जैन के साथ बातचीत करते हुए कहा कि यह एक लंबे समय तक चलने रिसर्च पार्टनरशिप है जो 20 साल पहले 2002 में शुरू हुआ था। यह सहयोग 20 वर्षों से अधिक समय से चल रहा है। उल्लेखनीय रूप से अधिक महत्वपूर्ण शोध निष्कर्षों और कार्यों के लिए ट्रस्ट के अलावा, हम भारत सरकार और यूके सरकार से भी फंडिंग प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
निम्हांस की निदेशक प्रोफेसर प्रतिमा मूर्ति ने कहा, “एक साथ मिलकर, हमने मातृ एवं शिशु मानसिक स्वास्थ्य, मिर्गी और मस्तिष्क संक्रमण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।“ निम्हांस के प्रोफेसर जे.सैनी और डॉ. श्रीपद पाटिल ने टेपवर्म न्यूरो ब्रेन संक्रमण “सिस्टिसिरकोसिस“ पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि यह एक लक्षणात्मक स्थिति है जो मुख्य रूप से निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले देशों में होती है। कई अध्ययन चल रहे हैं जहां हम मिर्गी और नशीली दवाओं से संबंधित मिर्गी का पता लगा रहे हैं। इस स्थिति में दौरे पड़ना सबसे आम है। जागरूकता, स्वच्छता और टीकाकरण समर्थन से कुल मिलाकर इसमें कमी आई है।”