NGMA ने अमोल पालेकर के आरोप का किया खंडन, मोदी सरकार की हो रही है आलोचना

By भाषा | Published: February 11, 2019 12:06 AM2019-02-11T00:06:55+5:302019-02-11T00:06:55+5:30

सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यही वह “अच्छे दिन” थे जिसका वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने “आम आदमी से बोलने का अधिकार छीन लिया है।” 

NGMA says didnot Cut Off Amol Palekar's Speech, Criticising Government | NGMA ने अमोल पालेकर के आरोप का किया खंडन, मोदी सरकार की हो रही है आलोचना

NGMA ने अमोल पालेकर के आरोप का किया खंडन, मोदी सरकार की हो रही है आलोचना

Highlights'इंसाइड द एंपटी बॉक्स' प्रदर्शनी के उद्घाटन क कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए अमोल पालेकर।माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, “हमारे लोकतंत्र, हमारे संवैधानिक अधिकारों का पूरा सार ही सरकार और उसके नेताओं की आलोचना करने का अधिकार है।

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्राहलय (एनजीएमए) ने अभिनेता अमोल पालेकर के उन आरोपों का रविवार को खंडन किया कि जिनके मुताबिक संग्राहलय के मुंबई एवं बेंगलुरु केंद्रों की सलाहकार समिति को भंग कर दिया गया है। मुंबई के एक कार्यक्रम में अभिनेता के भाषण के दौरान एनजीएमए के कुछ सदस्यों के बार-बार उन्हें टोके जाने के बाद विवाद पैदा हो गया था।

सोशल मीडिया पर मौजूद एक वीडियो में कथित तौर पर पालेकर आठ फरवरी को कलाकार प्रभाकर बारवे की याद में प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में संग्राहलय के मुंबई एवं बेंगलुरु केंद्रों की सलाहकार समिति को भंग किए जाने की खबरों को लेकर संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करते हुए दिख रहे हैं। प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक ने रविवार को कहा कि वह दो वरिष्ठ कलाकारों से संबंधित कार्यक्रमों रद्द किए जाने के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास कर रहे थे।

मोदी सरकार कर रही लोगों के विचार को नियंत्रित 

हालांकि बाद में एनजीएमए के महानिदेशक अद्वैत गणनायक ने कहा, “एनजीएमए मुंबई से जुड़ी हालिया खबरों के संबंध में यहां यह स्पष्ट किया जाता है - एनजीएमए मुंबई, बेंगलुरु एवं दिल्ली की सलाहकार समितियों को भंग नहीं किया गया है। उनका कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है और उनके पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है।” 

वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर लोगों के विचारों को नियंत्रित करने का आरोप लगाया और पालेकर को अपना भाषण पूरा नहीं करने देने को लेकर एनजीएमए एवं संस्कृति मंत्रालय की आलोचना की। 

सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यही वह “अच्छे दिन” थे जिसका वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने “आम आदमी से बोलने का अधिकार छीन लिया है।” 

उन्होंने कहा, “इस देश में कई चीजें हो रही हैं जो पहले कभी नहीं हुईं। अमोल पालेकर को बोलने नहीं दिया गया। जिन मामलों में बड़े लोग आरोपी होते हैं, उनमें सीबीआई अपील नहीं करती। सीबीआई एवं ईडी जैसे संस्थानों को बर्बाद किया जा रहा है।” 

कपिल सिब्बल ने साधा निशाना 

सिब्बल ने कहा, “कोई भी जो उन्हें अपने खिलाफ लगता है उसपर एनएसए, देशद्रोह का मामला चलाया जाता है, ईडी के नोटिस दिए जाते हैं। मैंने इस तरह की सरकार कभी नहीं देखी..हम सभी को अंजाम भुगतना होगा।” उनके पार्टी के सहयोगी अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट में इसे असहमतियों को चुप कराने की कोशिश करार दिया। 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “भाजपा लोगों के विचारों एवं राय को या जो वे खाते, पहनते या करते हैं उसको क्यों नियंत्रित करना चाहती है? वे भारत को एक रंग का एवं बेरंग बनाना चाहती है। श्रीमान पालेकर को चुप रहने के लिए बोलना सरकार की घबराहट को दिखाता है।” 

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, “हमारे लोकतंत्र, हमारे संवैधानिक अधिकारों का पूरा सार ही सरकार और उसके नेताओं की आलोचना करने का अधिकार है। कोई भी आलोचना से परे नहीं है। अमोल पालेकर के साथ यह व्यवहार अलोकतांत्रिक एवं बेहद निंदनीय है।” 

उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, “कार्यक्रम के लिए पालेकर की टिप्पणी कितनी भी अनुपर्युक्त थी, वह प्रश्नों से तंग करने वाले शख्स नहीं थे, वह आमंत्रित वक्ता थे। विवाद से बचने का अच्छा तरीका है कि संस्कृति मंत्रालय स्पष्ट करे कि वह तार्किक आलोचना का स्वागत करता है और यह है कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करता है।” 

Web Title: NGMA says didnot Cut Off Amol Palekar's Speech, Criticising Government

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