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NewsClick: इन दुश्मन एजेंटों को न्याय के कठघरे में लाएं, 'भारत विरोधी साजिश की पूरी सीमा का पता लगाने के लिए जांच शुरू करें', 255 प्रतिष्ठित नागरिकों ने राष्ट्रपति, सीजेआई को लिखा पत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 12, 2023 15:09 IST

NewsClick Chinese funding scandal: पोर्टल पर चीन के प्रचार प्रसार के लिए अमेरिकी अरबपति नेविली रॉय सिंघम से संदिग्ध रूप से धन प्राप्त करने का आरोप है।

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ठळक मुद्देचीन द्वारा गुप्त रूप से वित्त पोषित “स्वतंत्र प्रेस” ने हमारे लोकतंत्र को चुनौती देने में बड़ी साजिश रची है।एनआईए के पूर्व निदेशक योगेश चंदर मोदी, 12 पूर्व राजदूत, 20 पूर्व डीजीपी समेत अन्य लोग शामिल हैं।हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के बाद न्यूजक्लिक फिर से सुर्खियों में है।

NewsClick Chinese funding scandal: पूर्व न्यायाधीशों और राजदूतों सहित 250 से अधिक प्रतिष्ठित नागरिकों ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पोर्टल पर चीन के प्रचार प्रसार के लिए अमेरिकी अरबपति नेविली रॉय सिंघम से संदिग्ध रूप से धन प्राप्त करने का आरोप है। भारतीय करदाताओं से चीन में निर्मित फर्जी समाचारों और छल द्वारा हेरफेर किये जाने का आरोप लगाते हुए पत्र में हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि चीन द्वारा गुप्त रूप से वित्त पोषित “स्वतंत्र प्रेस” ने हमारे लोकतंत्र को चुनौती देने में बड़ी साजिश रची है।

पत्र में कहा गया, “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप केंद्र सरकार को इस भारत विरोधी साजिश का पूरी तरह से पता लगाने के लिए तुरंत उच्चतम स्तर पर जांच शुरू करने का निर्देश दें और इस तरह इन दुश्मन एजेंटों को न्याय के कठघरे में लाएं...अब यह स्पष्ट है कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि साजिश थी कि न्यूजक्लिक में राफेल लड़ाकू विमान सौदे की कवरेज और विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए एजेंडे में पूरी समानता थी।”

इसमें कहा गया, “सवाल यह उठता है कि क्या हमें ऐसी ताकतों पर अंकुश नहीं लगाना चाहिए जो गलत सूचनाएं फैला रही हैं और विदेशी शक्तियों के इशारे पर हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही हैं? क्या हम ऐसी ताकतों को तर्क की, देशभक्ति की, ईमानदारी की आवाज को छोटे-मोटे एजेंडे के लिए दबाने की इजाजत दे सकते हैं?”

इसमें कहा गया है, “न्यूज मीडिया पोर्टल, न्यूजक्लिक, जो फर्जी खबरें फैलाने के लिए कुख्यात है, को भारत के हितों के लिए खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण देश चीन के साथ संदिग्ध संबंधों का दोषी पाया गया है।” हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के बाद न्यूजक्लिक फिर से सुर्खियों में है।

खबर में दावा किया गया है कि समाचार पोर्टल एक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था, जिसे सिंघम से धन प्राप्त हुआ था, जो कथित तौर पर चीनी सरकारी मीडिया मशीन के साथ मिलकर काम करता है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में तेलंगाना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के श्रीधर राव, उच्च न्यायालय के 13 पूर्व न्यायाधीश, पूर्व गृह सचिव एल सी गोयल, पूर्व रॉ प्रमुख संजीव त्रिपाठी, एनआईए के पूर्व निदेशक योगेश चंदर मोदी, 12 पूर्व राजदूत, 20 पूर्व डीजीपी समेत अन्य लोग शामिल हैं।

टॅग्स :द्रौपदी मुर्मूसुप्रीम कोर्टचीनभारत सरकार
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