कोरोना की तीसरी लहर के बीच डर और नाउम्मीदी की गठरी लेकर बिहार वापस लौटने लगे हैं प्रवासी, घर से काम करने की कर रहे हैं मांग
By एस पी सिन्हा | Published: January 9, 2022 04:34 PM2022-01-09T16:34:51+5:302022-01-09T16:38:08+5:30
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए देश के अलग-अलग कोनों से प्रवासियों की बिहार वापसी होने लगी है।
पटना: कोरोना की तीसरी लहर के शुरू होते बिहार से बाहर काम कर रहे प्रवासी सहम गए हैं. डर और नाउम्मीदी की गठरी लेकर प्रवासी अपने शहर और गांव को लौटने लगे हैं. मुंबई, दिल्ली, चेन्नई सहित अन्य शहरों से रोजाना सैकडों लोग ट्रेनों से लौट रहे हैं. हालांकि, अभी लॉकडाउन या अन्य पाबंदियां नहीं लगी हैं, बावजूद इसके प्रवासी धीरे-धीरे प्रवासी अपने गांव की ओर लौटने लगे हैं.
प्रवासियों की क्या चिंता है
प्रवासियों को इसबात की चिंता सता रही है कि अचानक लॉकडाउन लगा तो घर लौटने के लिए काफी संघर्ष करना पडेगा. राहत की बात यह है कि पहले की तरह अभी भगदड की स्थिति अभी नहीं है. मुंबई, दिल्ली, सिकंदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, बडौदा, जयपुर, बेंगलुरु, चेन्नई समेत अन्य शहरों से आने वाली ट्रेनों की स्लीपर ही नहीं, जनरल बोगियां भी भरी आ रही हैं. स्टेशनों पर ट्रेनों के रुकते हीं स्लीपर व जनरल बोगियों से मजदूरों का हुजूम उतरने लगता है. कोई टेलरिंग तो कोई राज मिस्त्री का काम करता है. कोई कपडा मिल में एक साल पहले ही काम पर गया था. इसतरह के कई तरह के रोजी-रोजगार से जुडे प्रवासी चेहरे पर डर का साया लिये अपने घर जाने को बेचैन दिखते हैं.
घर से काम करने की उठ रही है मांग
मुंबई से आने वाली ट्रेनों से पटना जंक्शन पर उतरने वाले प्रवासी राज्य के सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, बेतिया, बगहा, मोतिहारी, मधुबनी, दरभंगा आदि शहरों के रहने वाले हैं. वहीं, बंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, दिल्ली व मुंबई समेत कई प्रमुख शहरों में आइटी या अन्य सेक्टर में काम करने वाले युवाओं को वर्क फ्राम होम कर दिया गया है. ऐसे युवाओं की टोली भी घर वापस आने लगी है. इनका कहना है कि घर से ही काम करेंगे. लेकिन कोरोना में वहां नही रहेंगे. इसतरह से प्रवासी मजदूरों का काफिला एकबार फिर से अपने गांव की ओर जाने लगा है.