DUSU अध्यक्ष फर्जी डिग्री विवाद में फंसे, अंकित बासोया की मार्कशीट जाली होने का आरोप
By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 18, 2018 02:59 PM2018-09-18T14:59:47+5:302018-09-18T15:59:07+5:30
DU President Ankiv Basoya Submitted Fake Marksheet: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने डूसू में एबीवीपी की जीत को राष्ट्रीय विचारधारा की जीत बताया था।
नई दिल्ली, 18 सितंबरः दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनावों में अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) नेता अंकित बसोया की मार्कशीट फर्जी होने का दावा किया जा रहा है। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के छात्रों का दावा है कि अंकित बासोया की थिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की मार्कशीट और प्रमाण पत्र फर्जी है। एनएसयूआई का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनावों के दौरान ही एनएसयूआई के तमिलनाडु की शाखा ने थिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी में जाकर अंकित बासोया की मार्कशीट और डिग्री के बारे में जानकारी मांगी। इस पर विवि ने जवाब दिया कि यह मार्कशीट और प्रमाण पत्र फर्जी है। एनएयूआई का दावा है कि अंकित ने गलत मार्कशीट देकर डीयू में एडमिशन ले लिया था।
उल्लेखनीय है कि डीयू में एडमिशन मेरिट के आधार पर होता है। डीयू में एडमिशन के लिए हाई स्कोर होना जरूरी होता है। अन्यथा डीयू में एडिशन मिलना संभव नहीं हो पाता। बीजेपी की यूथ विंग एबीवीपी ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए गुर्जर समुदाय से आने वाले अंकिव बसोया को टिकट दिया था और उन्होंने जीत भी दर्ज की थी। लेकिन अब उनकी मार्कशीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
इससे पहले 13 सितंबर को आए डूसू चुनाव परिणामों में चार प्रमुख पदों में एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर अंकित बसोया, उपाध्यक्ष पद पर शक्ति सिंह और संयुक्त सचिव के पद पर ज्योति चौधरी ने जीत दर्ज की थी। जबकि एनएसयूआई को बस सचिव पद आकाश चौधरी से संतोष करना पड़ा था। जबकि मतगणना के दौरान ईवीएम में खराबी आने से मतगणना केंद्र में जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी और काउंटिंग टाल दी गई थी। लेकिन बाद में फिर से काउंटिंग शुरू हुई और रात में परिणाम जारी किए गए।
एनएसयूआई ने इस दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ और आरएसएस व बीजेपी की शह पर एबीवीपी को जिताने के आरोप भी लगाए। बाद में चुनाव आयोग ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि डूसू में प्रयोग की गई ईवीएम चुनाव आयोग की नहीं थी। जबकि अमित शाह ने इस जीत को ऐतिहासिक जीत बताया था। उन्होंने कहा था यह राष्ट्रीय विचारधारा की जीत है।