नई संसद के उद्घाटन पर जदयू ने कहा- कलंक का इतिहास लिखा जा रहा, राजद-कांग्रेस ने भी पीएम पर साधा निशाना, ओवैसी बोले-इसकी जरूरत थी
By अनिल शर्मा | Published: May 28, 2023 11:27 AM2023-05-28T11:27:03+5:302023-05-28T11:49:12+5:30
जेडीयू MLC नीरज कुमार ने कहा कि 2416 हिंदू मंदिरों को तोड़ने का कलंक लेने वाले मोदी सेंट्रल हॉल की भूमिका को खत्म कर दिया। इसलिए कि उसमें नेहरू, अम्बेडकर, सरदार को याद किया जा रहा था। मोदी ने सेंट्रल हॉल की भूमिका को नकार दिया है।
नई दिल्लीः नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले बोले हैं। कांग्रेस से लेकर जदयू और राजद ने भवन का पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने पर रविवार नाराजगी जाहिर की। जदयू ने कहा कि यह कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है। वहीं राजद ने संसद के नए भवन की तुलना ताबूत से की है। इस बीच कांग्रेस ने कहा कि संविधान की मुखिया राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति धनखड़ का अपमान हुआ है।
जेडीयू MLC नीरज कुमार ने कहा कि यह कलंका का इतिहास लिखा जा रहा है। यह इतिहास को बदलने की तैयारी है। सावरकर को वीर कहा जा रहा है। उस सावरकर को जिसने 5 बार माफी मांगी। 65 रुपया अंग्रेजों से पेंशन लिया। ये नए अवतार हैं। नीरज कुमार ने कहा कि 2416 हिंदू मंदिरों को तोड़ने का कलंक लेने वाले मोदी सेंट्रल हॉल की भूमिका को खत्म कर दिया। इसलिए कि उसमें नेहरू, अम्बेडकर, सरदार को याद किया जा रहा था। मोदी ने सेंट्रल हॉल की भूमिका को नकार दिया है।
कांग्रेस ने कहा कि आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री’’ ने यह उद्घाटन किया है, जिन्हें संसदीय परंपराओं से नफरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को उनके संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि निश्चित रूप से सवाल उठेगा। संविधान का अपमान हो रहा है। राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति धनखड़ का अपमान हुआ है। भवन का उद्घाटन संविधान की मुखिया, संसद की मुखिया से नहीं कराया। किसी मंत्री को आस-पास फटकने नहीं दिया गया। पीएम मोदी सिंगल फ्रेम में सिर्फ अपनी मौजूदगी देखना चाहते हैं।
वहीं राजद ने नए संसद भवन की तुलना ताबूत से की है। एक ट्वीट में राजद ने नए संसद भवन और ताबूत की तस्वीर शेयर की है। राजद ने ट्वीट में लिखा कि यह क्या है? राजद ने नई संसद के आकार पर सवाल उठाए हैं। लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने इस तरफ इशारा किया कि इसका आकार ताबूत की तरह ही। हालांकि राजद ने सफाई देते हुए कहा कि लोकतत्र का ताबूतीकरण किया जा रहा है इसलिए हमने ताबूत को प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया है।
नए संसद भवन की ताबूत से तुलना करने पर भाजपा और असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर की है। भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार ने भी कई भवनों का उद्घाटन राज्यपाल से न कराकर खुद की। तब उनको सब अच्छा लग रहा था। सुशील मोदी ने कहा कि यह कलंक कैसे है।
भाजपा नेता हरनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है। हर मुद्दे पर विपक्ष का नकारात्मक रवैया रहा है। विपक्ष अपने अंदर झांककर देखे। उनका रवैया देश विरोधी है। इससे ज्यादा आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है। बीजेपी ने कहा कि यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश का अपमान है। इसके साथ ही बीजेपी ने आरजेडी सांसद से इस्तीफे की मांग की है।एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि ताबूत से तुलना ठीक नहीं। नए संसद भवन की जरूरत थी। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद को प्रमोट करने के लिए सबकुछ करते हैं।
प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया। प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया।
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