हल्दीघाटी के युद्ध का सामने आएगा 'नया इतिहास', महाराणा प्रताप के पीछे हटने का दावा करने वाला पत्थर हटेगा

By अभिषेक पारीक | Updated: July 15, 2021 18:58 IST2021-07-15T18:56:41+5:302021-07-15T18:58:42+5:30

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने अपनी राज्य इकाई को स्मारक से पत्थर हटाने का आदेश दिया है, जिसमें लिखा है कि युद्ध के दौरान महाराणा प्रताप की सेना पीछे हट गई थी। 

New history will come to the battle of Haldighati, the stone claiming to be the retreat of Maharana Pratap will be removed | हल्दीघाटी के युद्ध का सामने आएगा 'नया इतिहास', महाराणा प्रताप के पीछे हटने का दावा करने वाला पत्थर हटेगा

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsहल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह के बीच हुआ। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने राज्य इकाई से स्मारक के पत्थर को हटाने का आदेश दिया है। इस पत्थर पर लिखा है कि हल्दीघाटी युद्ध के दौरान महाराणा प्रताप की सेना पीछे हट गई थी।

हल्दीघाटी के युद्ध को किसने जीता? ये सवाल पिछले कुछ सालों से न जाने कितनी बार दोहराया गया है। विभिन्न विचारधाराओं के अपने-अपने तर्क हैं। हालांकि अब भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (एएसआई)ने इस बहस को और बढ़ारने का काम किया है। राजस्थान के राजसमंद से वह पत्थर हटाया जाएगा, जिसमें लिखा है कि महाराणा प्रताप की सेना हल्दीघाटी में युद्ध करते हुए पीछे हट गई थी। 

हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह की सेनाओं के बीच हुआ था। अब भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने अपनी राज्य इकाई को स्मारक से पत्थर हटाने का आदेश दिया है, जिसमें लिखा है कि युद्ध के दौरान महाराणा प्रताप की सेना पीछे हट गई थी। 

भाजपा नेताओं और राजपूत नेताओं ने की थी मांग

इस पत्थर को हटाने की कई भाजपा नेताओं और राजपूत संगठनों ने मांग की थी। राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने 25 जून को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा था। जिसके बाद संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने विभाग को आदेश दिया था कि इसे सुधारा जाए। 

तथ्यात्मक गलतियां भी हैं मौजूद

सर्वेक्षण विभाग के जोधपुर सर्कल के सुपरिटेंडेंट बिपिन चंद्र नेगी के मुताबिक, पत्थर हटाने को लेकर कह दिया गया है। यह करीब चार साल पुराना है। जिसे राज्य के पर्यटन विभाग ने लगवाया था। 2003 में राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित होने के बाद इसे संरक्षण में लिया गया। साथ ही उन्होंने बताया कि इस पत्थर में मौजूद जानकारियां तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। जिसमें लड़ाई की तारीख ही गलत लिखी गई है। ऐसे में एएसआई ने वेरिफिकेशन कराने के बाद सही जानकारी के साथ नए पत्थर लगवाने का फैसला किया है। 

Web Title: New history will come to the battle of Haldighati, the stone claiming to be the retreat of Maharana Pratap will be removed

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