New Government Formation: नीतीश कुमार दिल्ली में तब तक खूंटा गाड़े रह सकते हैं, जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ न ले लें: सूत्र
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 6, 2024 12:09 IST2024-06-06T11:28:05+5:302024-06-06T12:09:08+5:30
जनता दल यूनाइटेड की ओर से बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को समर्थन दे रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में तब तक डटें रहेंगे, जब तक नरेंद्र मोदी शपथ नहीं ले लेते हैं।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नई सरकार के गठन की कवायद तेज कर दी गई है। इस बीच खबर मिल रही है कि मोदी को समर्थन दे रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में तब तक डटें रहेंगे, जब तक नरेंद्र मोदी शपथ नहीं ले लेते हैं।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार जेडीयू सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 8 जून को नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने तक दिल्ली में ही रहेंगे। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में, भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार करने में सक्षम था, उसके बाद विपक्ष के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन 234 सीटों पर है।
बीते बुधवार को एनडीए गठबंधन ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना और केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए 7 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे।
वहीं सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले उसके गठन को लेकर एनडीए गुट के नेताओं, विशेष रूप से टीडीपी नेता एन चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार के बीच चर्चा की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार इसी संबंध में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा आज सुबह अपने आवास पर एनडीए की बैठक की मेजबानी करेंगे। बैठक के दौरान अमित शाह, राजनाथ सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार को नई सरकार में अहम कैबिनेट मंत्रालय मिलने की उम्मीद है। टीडीपी जहां लोकसभा में स्पीकर का पद की मांग को लेकर उत्सुक है, वहीं बीजेपी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
टीडीपी ने आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 16 सीटें हासिल कीं, जबकि जेडीयू ने बिहार की 40 में से 12 सीटें हासिल कीं। भाजपा इस बार केवल 240 लोकसभा सीटों के साथ जीत के साथ बहुमत से पीछे रह गई। हालांकि सहयोगियों की मदद से एनडीए 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर गया है।