New Government Formation: "चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि तानाशाही सरकार नहीं चल सकती, उम्मीद है वो और नीतीश उन मूल्यों को कायम रखेंगें", कपिल सिब्बल ने दी दोनों किंगमेकर को नसीहत

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 5, 2024 01:44 PM2024-06-05T13:44:01+5:302024-06-05T13:54:45+5:30

लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत के आंकड़े से दूर रहने के बीच जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू संख्याबल के आधार पर संभावित "किंगमेकर" के रूप में उभरे हैं।

New Government Formation: "Chandrababu Naidu had said that a dictatorial government cannot run, hopefully he and Nitish will maintain those values", Kapil Sibal gave advice to both the kingmakers | New Government Formation: "चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि तानाशाही सरकार नहीं चल सकती, उम्मीद है वो और नीतीश उन मूल्यों को कायम रखेंगें", कपिल सिब्बल ने दी दोनों किंगमेकर को नसीहत

फाइल फोटो

Highlightsनीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू संख्याबल के आधार पर संभावित "किंगमेकर" के रूप में उभरे हैंलोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत के आंकड़े से दूर रहने के कारण दोनों की स्थिति हुई मजबूतनीतीश और नायडू ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए को समर्थन देने का वादा किया है

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहुमत के आंकड़े से दूर रहने के बीच जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) प्रमुख नीतीश कुमार और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू संख्याबल के आधार पर संभावित "किंगमेकर" के रूप में उभरे हैं।

इस बीच बुधवार को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने दोनों नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि दोनों नेता उन मूल्यों को बरकरार रखेंगे, जिन पर वे मुख्यमंत्री रहते हुए कायम थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कपिल सिब्बल ने कहा, "नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने हमेशा संघीय ढांचे को बनाए रखा है। कुछ साल पहले नायडू ने कहा था कि तानाशाही सरकार नहीं चल सकती और ईडी और सीबीआई राज्यों की सहमति के बिना जो कुछ भी कर रहे हैं, वह स्वीकार्य नहीं है।"

सिब्बल ने कहा, "मैं उन मूल्यों को कायम रखने के लिए उन्हें सलाम करता हूं और मुझे उम्मीद है कि वे उन मूल्यों को कायम रखेंगे, जिन पर वे मुख्यमंत्री रहते हुए कायम थे।"

2024 लोकसभा चुनाव की गिनती मंगलवार को हुई। चुनाव आयोग के अनुसार, भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जो 2019 की 303 सीटों से काफी कम है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर सत्ता की लड़ाई में मजबूत वापसी की है।

कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए और सभी पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए इंडिया ब्लॉक ने लोकसभा में 230 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरा कार्यकाल हासिल कर लिया है, लेकिन भाजपा को उनके गठबंधन में मुख्य रूप से अन्य दलों जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के समर्थन की आवश्यकता होगी।

बिहार में जेडीयू ने 12 सीटें हासिल कीं, जबकि नायडू की टीडीपी ने आंध्र प्रदेश लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीतीं। इस बीच टीडीपी प्रमुख ने भाजपा को समर्थन दिया है और पुष्टि की है कि वह "एनडीए का हिस्सा" हैं।

नायडू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को अपना समर्थन देते हुए कहा, "मैंने देश में बहुत सारे राजनीतिक बदलाव देखे हैं। मैं एनडीए में हूं। मैं एनडीए की बैठक में जा रहा हूं। अगर कुछ और होगा, तो हम आपको रिपोर्ट करेंगे।"

वहीं जदयू प्रमुख नीतीश कुमार, जो संयोग से राजद के तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली की उसी उड़ान में थे। उनके द्वारा बुधवार को भाजपा को समर्थन पत्र सौंपने की उम्मीद है। इस साल की शुरुआत में नीतीश कुमार राजद से असहमति के कारण भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए, जिसके कारण बिहार में सरकार गिर गई और नीतीश ने नये सीएम के तौर पर शपथ ली थी।

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