जीएसआई का नया दावा, कहा- सोनभद्र में 3000 टन नहीं, सिर्फ 160 किलो सोना मौजूद
By भाषा | Published: February 22, 2020 08:48 PM2020-02-22T20:48:27+5:302020-02-22T20:48:27+5:30
जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने कहा, ‘‘जीएसआई के किसी व्यक्ति ने ऐसा कोई आंकड़ा नहीं दिया है.... जीएसआई ने सोनभद्र जिले में इतने बड़े स्वर्ण भंडार का कोई अनुमान नहीं लगाया है।’’
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने शनिवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में करीब 3,000 टन सोने का कोई स्वर्ण भंडार नहीं मिला है जैसा कि एक जिला खनन अधिकारी ने दावा किया था।
जीएसआई के महानिदेशक एम श्रीधर ने कहा, ‘‘जीएसआई के किसी व्यक्ति ने ऐसा कोई आंकड़ा नहीं दिया है.... जीएसआई ने सोनभद्र जिले में इतने बड़े स्वर्ण भंडार का कोई अनुमान नहीं लगाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सर्वेक्षण करने के बाद किसी अयस्क के संसाधनों के संबंध में हमारे निष्कर्ष राज्य इकाइयों के साथ साझा करते हैं.... हमने (जीएसआई, उत्तरी क्षेत्र) 1998-99 और 1999-20 में उस इलाके में काम किया था। सूचना और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के डीजीएम के साथ साझा की गई थी।’’
श्रीधर ने कहा कि जीएसआई का सोने के लिए अन्वेषण कार्य संतोषजनक नहीं है और परिणाम इतने अच्छे नहीं है कि सोनभद्र जिले में किसी बड़े स्वर्ण भंडार का पता चले। उल्लेखनीय है कि सोनभद्र के जिला खनन अधिकारी के. के. राय ने शुक्रवार को कहा था कि जिले के सोन पहाड़ी और हरदी इलाकों में लगभग 3,000 टन सोने की मौजूदगी का पता लगा है।
राय ने कहा था कि सोन पहाड़ी में जमीन के अंदर लगभग 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में करीब 646.16 किलोग्राम सोना होने का अनुमान है। श्रीधर ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि जिले में अन्वेषण के बाद जीएसआई ने अपनी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में सोन पहाड़ी इलाके के सब-ब्लॉक एच में 170 मीटर की लंबाई में 3.03 ग्राम प्रति टन सोने (औसत दर्जा) वाले 52,806.25 टन अयस्क संसाधनों का अनुमान जताया था।
उन्होंने कहा, ‘‘औसत दर्जे का 3.03 ग्राम प्रति टन सोने वाला खनिज क्षेत्र निश्चित नहीं है और अयस्क के 52,806.25 टन के कुल संसाधनों में से जो कुल सोना निकाला जा सकता है वह मीडिया में आई खबरों के मुताबिक 3,350 टन नहीं बल्कि करीब 160 किलोग्राम है।’’ जीएसआई का मुख्यालय कोलकाता में है।