भाजपा के साथ संबंध ‘मजबूत’ करने के लिये नेपाली सीपीएन-माओवादी केंद्र का शिष्टमंडल भारत पहुंचा, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 23, 2023 09:16 PM2023-07-23T21:16:37+5:302023-07-23T21:19:16+5:30
भारत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के निमंत्रण पर नेपाल के सत्तासीन सीपीएन-माओवादी केंद्र का पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय शिष्टमंडल छह दिवसीय यात्रा भारत पहुंचा। छह दिवसीय यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेगा।
नई दिल्ली: भारत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के निमंत्रण पर नेपाल के सत्तासीन सीपीएन-माओवादी केंद्र का पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय शिष्टमंडल छह दिवसीय यात्रा पर पड़ोसी देश के लिये रवाना हुआ। इस यात्रा का मकसद पार्टी दर पार्टी संबंधों को मजबूत करना है । सीपीएन-माओवादी सेंटर पार्टी के उपाध्यक्ष पम्फा भुषाल पार्टी के शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
टीम के अन्य सदस्यों में पार्टी सचिव चक्रपाणि खनाल, स्थायी समिति के सदस्य सत्या पहाड़ी, और केंद्रीय समिति के सदस्य रमेश्वर यादव एवं सुरेश कुमार राय शामिल हैं। भुषाल ने काठमांडू से नई दिल्ली रवाना होने से ठीक पहले त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, "हमारी यात्रा का उद्देश्य मुख्य रूप से भाजपा और सीपीएन-माओवादी केंद्र के बीच पार्टी-दर-पार्टी संबंधों को मजबूत करना है। हम सभी पक्षों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चीन के साथ भाईचारे और भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करना चाहती है। भुषाल ने कहा, "छह दिवसीय यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेगा।"
बता दें कि नेपाली सीपीएन-माओवादी केंद्र के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भारत तब आ रहा है जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के पोलित ब्यूरो सदस्य युआन जियाजुन 26 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। युआन जियाजुन ने नेपाली राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात भी की। चीनी नेता से हुई मुलाकात के दौरान नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने कहा कि दोनों देश प्राचीन काल से ही अच्छे पड़ोसी रहे हैं। युआन श्रीलंका की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद काठमांडू पहुंचे हैं।
नेपाल के सत्तासीन सीपीएन-माओवादी केंद्र के संबंध हमेशा से चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ अच्छे रहे हैं। हालांकि अब भारत में सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भाजपा से संबंध बेहतर करने की कोशिशों को नेपाल में अपने पांव मजबूत करने का कोशिश से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। बता दें कि नेपाल का सबसे मजबूत सहयोगी होने के कारण भारत का प्रभाव वहां के लोगों पर भी रहा है। हालांकि पिछले कुछ समय से चीन ने भारत के लिए नेपाल में चुनौती खड़ी की है।
(इनपुट - भाषा)