NEET PG Counselling: प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने लिया हड़ताल वापस लेने का फैसला, मरीजों को होगी राहत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 31, 2021 03:41 PM2021-12-31T15:41:21+5:302021-12-31T15:41:21+5:30
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के प्रेसीडेंट डॉक्टर मनीष ने बताया कि मरीज पहले से ही पीड़ित हैं, कई सर्जरी टाल दी गई हैं। इस स्थिति को देखते हुए वे आज दोपहर 12 बजे हड़ताल समाप्त कर रहे हैं।
नई दिल्ली:नीट पीजी काउंसिलिंग में देरी के विरोध में दिल्ली में चल रही रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया गया है। प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से काम पर लौटने का फैसला लिया। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के प्रेसीडेंट डॉक्टर मनीष ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने बताया कि मरीज पहले से ही पीड़ित हैं, कई सर्जरी टाल दी गई हैं। इस स्थिति को देखते हुए वे आज दोपहर 12 बजे हड़ताल समाप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आईटीओ विरोध के सिलसिले में हमने कल (गुरुवार) रात ज्वाइंट सीपी के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा, एफआईआर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू गई है। आज दोपहर 12 बजे के बाद हम नीट 2021 काउंसलिंग में देरी के खिलाफ अपनी हड़ताल वापस लेंगे।
Delhi | We had a meeting with Joint CP last night. Withdrawal of FIR process started (in connection with ITO protest). After 12 pm today we'll call off our strike against the delay in NEET 2021 counselling: Dr Manish, FORDA President
— ANI (@ANI) December 31, 2021
(File pic) pic.twitter.com/Oxjg23W4Ci
बता दें कि हाल ही में प्रदर्शन के दौरान डॉक्टरों और पुलिस में झड़प होने के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया और डॉक्टरों ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया था। रेजिडेंट डॉक्टर्स के संगठन फोरडा (FORDA) के द्वारा ये कहा गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय 6 जनवरी को सुनवाई से पहले समिति की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट को सौंपने के लिए तैयार हो गया है।
संगठन ने बताया कि मंत्रालय ने यह भी आश्वासन दिया है कि प्रदर्शन में भाग लेने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कोई दंडात्मक या अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। रेजिडेंट डॉक्टर्स की इस हड़ताल के खत्म होने के बाद परेशान मरीजों को राहत मिलेगी। बता दें कि डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को अस्पतालों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।