एनसीपीसीआर ने पश्चिम बंगाल से किशोर न्याय कानून का पालन करने को कहा
By भाषा | Updated: December 28, 2021 22:39 IST2021-12-28T22:39:53+5:302021-12-28T22:39:53+5:30

एनसीपीसीआर ने पश्चिम बंगाल से किशोर न्याय कानून का पालन करने को कहा
नयी दिल्ली, 28 दिसंबर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल अब भी महिला एवं बाल संस्थान (लाइसेंसिंग) अधिनियम का पालन कर रहा है। उसने राज्य सरकार से सभी बाल देखभाल संस्थानों को किशोर न्याय कानून के तहत पंजीकृत करने की सिफारिश की।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एच के द्विवेद्वी को लिखे पत्र में एनसीपीसीआरके अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि राज्य में एक बाल देखभाल संस्थान के निरीक्षण के दौरान आयोग के सामने ऐसे दस्तावेज आये जिनसे संकेत मिला कि राज्य में बाल देखभाल संस्थानों के कामकाज के सिलसिले में महिला एवं बाल संस्थान (लाइसेंसिंग) अधिनियम के प्रावधानों का अब भी पालन किया जा रहा है।
उन्होंने लिखा है, ‘‘इस संबंध में आयोग बताना चाहेगा कि बच्चों को रखने एवं ऐसे बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण करने वालों संस्थानों के लिए देशभर में किशोर न्याय अधिनियम, 2015 लागू है। किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत सभी बाल देखभाल संस्थानों का पंजीकरण इस कानून के तहत किया जाएगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए बच्चों की देखभाल एवं सरंक्षण के लिए बाल देखभाल संस्थानों के वास्ते किशोर न्याय कानून का प्रायोज्य अविवादित तथ्य है और देश के सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को इस कानून के प्रावधानों का पालन करना ही होगा, भले ही कोई अन्य कानून प्रभाव में क्यों न हो। ’’
कानूनगो ने मंगलवार को जारी किये गये इस पत्र में राज्य सरकार से दस दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को भेजने का अनुरोध किया है।
किशोर न्याय कानून से पहले बाल एवं महिला देखभाल केंद्रों के लाइसेंसीकरण के लिए महिला एवं बाल संस्थान (लाइसेंसिंग) अधिनियम ही था।
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