NCERT ने कक्षा 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से गुजरात दंगों पर सामग्री हटाई
By विनीत कुमार | Published: June 17, 2022 07:47 AM2022-06-17T07:47:28+5:302022-06-17T07:57:48+5:30
एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों पर कुछ सामग्री को हटाया गया है। किताब में सामग्री को कम करने के तहत इन सामग्रियों को हटाया गया है।
नई दिल्ली: NCERT ने कोविड -19 महामारी के मद्देनजर 'पाठ्यक्रमों में सामग्री कम करने' के अभ्यास के तहत कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान (Political Science) के पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों पर कुछ सामग्री को हटा दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनसीईआरटी द्वारा हटाई गई सामग्री पर गुरुवार को जारी एक नोट के अनुसार किताब के 187-189 पृष्ठ को हटाया गया है। इन में गुजरात दंगों का विस्तार से जिक्र था। इन पन्नों में 1 मार्च 2002 के 'द इंडियन एक्सप्रेस' के पहले पन्ने की एक तस्वीर भी है।
किताब से हटाए गए एक पैराग्राफ में लिखा था, 'गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है। गुजरात जैसी घटनाएं हमें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करने के खतरों से सचेत करती हैं। यह लोकतांत्रिक राजनीति के लिए भी खतरनाक है।'
इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बयान भी शामिल है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका 'मुख्यमंत्री (गुजरात के) को एक संदेश है कि उन्हें 'राजधर्म' का पालन करना चाहिए।' इसमें वाजपेयी के बयान को उद्धृत करते हुए कहा गया था, 'एक शासक को जाति, पंथ और धर्म के आधार पर अपनी प्रजा के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।'
'नक्सल आंदोलन' के इतिहास पर किताब के पृष्ठ 105 और 'आपातकाल के दौरान विवाद' पर पृष्ठ 113-117 को भी हटा दिया गया है।
एनसीईआरटी ने अपने नोट में कहा कि ऐसी सामग्री को भी हटाया गया है जो 'एक ही कक्षा में अन्य विषय में भी शामिल थे और समान जैसे हैं। साथ ही उन्हें भी हटाया गया है जो वर्तमान संदर्भ में अप्रासंगिक है।
एनसीईआरटी की ओर से कहा गया, 'कोविड -19 महामारी को देखते हुए छात्रों पर कंटेन्ट के भार को कम करना अनिवार्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी इसी पर जोर देती है। इस पृष्ठभूमि में एनसीईआरटी ने सभी कक्षाओं के लिए पाठ्यपुस्तकों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद शुरू की है।'
एनसीईआरटी के अनुसार इस साल की शुरुआत में जारी सीबीएसई के 2022-23 शैक्षणिक पाठ्यक्रम के तहत पहले से ही हटाई गई सामग्री भी पाठ्यक्रम से बाहर रहेगी।