राकांपा ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों, खासतौर पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदर्शन को उसके नेताओं के ‘अहंकार’ का परिणाम बताते हुए कहा कि यह 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग की ‘विदाई’ का संकेत देता है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि परिणाम से पता चलता है कि लोग सांप्रदायिक ताकतों में विश्वास नहीं करते क्योंकि वे शांति और प्रगति चाहते हैं।
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए भाजपा की हार के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की ‘जन विरोधी’ और ‘किसान विरोधी’ नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
मलिक ने कहा, ‘‘यह भाजपा की 5-0 से हार है। जनता ने भाजपा नेताओं के अहंकार के खिलाफ वोट दिया।' मलिक ने कहा कि रोजगार का संकट और जीएसटी एवं नोटबंदी जैसे कदमों का चुनाव नतीजों में असर देखने को मिला है।
राकांपा नेता ने कहा, ‘‘जिस तरह भाजपा खुद की सत्ता वाले राज्यों में हार रही है, वह 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के हारने का संकेत देता है।'
उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस ने पहले ही भाजपा की हार को भांप लिया था, इसलिए उसने राम मंदिर विवाद का मुद्दा उछाल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए लोगों ने चुनावों में भाजपा का ‘राम नाम सत्य है’ कर दिया।'