पटियाला कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू का सरेंडर, रोड रेज मामले में हुई है 1 साल की सजा

By रुस्तम राणा | Published: May 20, 2022 04:56 PM2022-05-20T16:56:59+5:302022-05-20T17:05:57+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के रोड रेज मामले में दोषी पाते हुए गुरुवार को उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।

Navjot Singh Sidhu surrendered himself before Chief Judicial Magistrate | पटियाला कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू का सरेंडर, रोड रेज मामले में हुई है 1 साल की सजा

पटियाला कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू का सरेंडर, रोड रेज मामले में हुई है 1 साल की सजा

Highlightsसिद्धू ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण किया हैमेडिकल जांच व अन्य कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी

पटियाला: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला सत्र अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। वह न्यायिक हिरासत में है। मेडिकल जांच व अन्य कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के रोड रेज मामले में दोषी पाते हुए गुरुवार को उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।

इससे पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ‘‘चिकित्सा से जुड़े मामलों को सुव्यवस्थित करने’’ का हवाला देते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में उन्हें सुनाई गई एक साल कैद की सजा के लिए आत्मसमर्पण करने के वास्ते कुछ हफ्तों की मोहलत देने का अनुरोध किया था। 

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सिद्धू को बृहस्पतिवार को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए किसी भी ‘‘अनुचित सहानुभूति’’ से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और इससे कानून पर जनता का भरोसा कम होगा। सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति जे. बी. परदीवाला की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए।

सिंघवी ने पीठ से कहा, ‘‘निश्चित तौर पर वह जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे। हमें आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए। यह (फैसला) 34 साल बाद (आया) है। वह अपने चिकित्सीय मामलों को सुव्यवस्थित करना चाहते हैं।’’ पीठ ने सिंघवी से कहा कि मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने दिया है। 

पीठ ने कहा, ‘‘आप यह अर्जी प्रधान न्यायाधीश के समक्ष दाखिल कर सकते हैं। अगर प्रधान न्यायाधीश आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे। अगर पीठ उपलब्ध नहीं है तो इसका गठन किया जाएगा। उस (रोड रेज) मामले के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया गया था।’’ न्यायालय ने कहा कि एक औपचारिक अर्जी उचित पीठ के समक्ष दाखिल करनी होगी।

इस पर सिंघवी ने कहा कि वह मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश करने की कोशिश करेंगे। शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को 65 वर्षीय व्यक्ति को ‘जानबूझकर चोट पहुंचाने’ के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन उन्हें केवल 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।
 

Web Title: Navjot Singh Sidhu surrendered himself before Chief Judicial Magistrate

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