1988 road rage case: सिद्धू को एक साल की सजा, कांग्रेस नेता ने कहा- कानून का सम्मान करेंगे, जानें क्या है पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 19, 2022 04:19 PM2022-05-19T16:19:58+5:302022-05-19T16:21:54+5:30
Navjot Singh Sidhu Jail: कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पटियाला में थे। एक ट्वीट में कहा, "कानून का सम्मान करूंगा...।"
Navjot Singh Sidhu Jail: उच्चतम न्यायालय द्वारा 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में एक साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ''कानून का सम्मान करेंगे।''
सिद्धू महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पटियाला में थे। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "कानून का सम्मान करूंगा...।" न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर मृतक के परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया।
Will submit to the majesty of law ….
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
हालांकि शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को मामले में "जानबूझकर चोट पहुंचाने" के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन इसने उन्हें 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। वर्ष 1988 में सड़क पर हुई हाथापाई की घटना के बाद 65 वर्षीय गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया था जहां उनकी मौत हो गई थी।
पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘...हमें लगता है कि रिकॉर्ड में एक त्रुटि स्पष्ट है.... इसलिए, हमने सजा के मुद्दे पर पुनर्विचार आवेदन को स्वीकार किया है। लगाए गए जुर्माने के अलावा, हम एक साल के कारावास की सजा देना उचित समझते हैं।’’ सिद्धू को मामले में सिर्फ एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा दिए जाने के आदेश के खिलाफ मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
इससे पहले दिन में, सिद्धू ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिए पटियाला में हाथी की सवारी की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि महंगाई बढ़ने से गरीबों, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्गीय परिवारों के बजट पर असर पड़ा है।
सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन। महंगाई से किसानों, मजदूरों, मध्यम वर्ग के परिवारों के बजट पर असर पड़ा है। भोजन, आवास, परिवहन और स्वास्थ्य देखभाल की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है...।"