नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, गैर इरादतन हत्या के मामले में हुए बरी
By रामदीप मिश्रा | Published: May 15, 2018 11:55 AM2018-05-15T11:55:07+5:302018-05-15T12:37:38+5:30
रोडरेज का यह मामला साल 1988 का है, जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से तीन साल की कैद की सजा पाए नेता नवजोत सिंह सिद्धू की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
नई दिल्ली, 15 मईः पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिल गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 में हुए रोडरेज के एक मामले व गैर इरादतन हत्या के केस में बरी कर दिया दिया है और मारपीट के मामले में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
बता दें, रोडरेज का यह मामला साल 1988 का है, जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से तीन साल की कैद की सजा पाए नेता नवजोत सिंह सिद्धू की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
Navjot Singh Sidhu acquitted under section 304 (II){culpable homicide not amounting to murder} and convicted under section 323(punishment for voluntarily causing hurt) in 1988 road rage case by Supreme Court https://t.co/Y3BJsG4qJN
— ANI (@ANI) May 15, 2018
बता दें, न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने 18 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सिद्धू ने दावा किया था कि गुरनाम सिंह की मौत की वजह के बारे में सबूत विरोधाभासी है और मेडिकल राय भी अस्पष्ट है। पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़कर कांग्रेस में आए सिद्धू फिलहाल राज्य के पर्यटन मंत्री हैं।
अभियोजन के अनुसार सिद्धू और रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट चौरोह के पास सड़क के बीच में कथित रुप से खड़ी जिप्सी में थे। उसी समय गुरनाम सिंह और दो अन्य पैसे निकालने के लिए मारुति कार से बैंक जा रहे थे। गुरनाम ने सिद्धू और संधू से जिप्सी हटाने को कहा। इस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी। सिद्धू ने सिंह को बुरी तरह पीटा और अस्पताल में उनकी मौत हो गयी।