पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

By भाषा | Published: December 20, 2021 07:16 PM2021-12-20T19:16:49+5:302021-12-20T19:16:49+5:30

National Security Advisors of five Central Asian countries meet PM Modi | पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को बहुत महत्व देता है और इन देशों को अपने ‘‘विस्तारित पड़ोस’’ का हिस्सा मानता है।

तीसरे भारत-मध्य एशिया संवाद में शामिल होने के एक दिन बाद इन नेताओं की प्रधानमंत्री से यह मुलाकात हुई। भारत द्वारा दिल्ली में आयोजित इस संवाद में कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री से इन मंत्रियों की मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में इस मुलाकात का ब्योरा देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को बहुत महत्व देता है और इन देशों को अपने 'विस्तारित पड़ोस' का हिस्सा मानता है।’’

बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस साल इन देशों की स्वतंत्रता की 30वीं वर्षगांठ पर मंत्रियों को बधाई दी।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों और बाद में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य की ‘‘अपनी यादगार यात्राओं’’ को याद किया।

पीएमओ ने बताया कि विदेश मंत्रियों ने विदेश मंत्री जयशंकर की अध्यक्षता में आयोजित भारत-मध्य एशिया संवाद में हुए विचार-विमर्श के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी, जिसमें अफगानिस्तान की स्थिति समेत व्यापार और संपर्क, विकास साझेदारी तथा क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में भारतीय फिल्मों, संगीत, योग आदि की लोकप्रियता को देखते हुए भारत और मध्य एशिया के बीच सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने भारत और मध्य एशिया के बीच बढ़े हुए आर्थिक सहयोग की संभावना और इस संबंध में संपर्क की भूमिका को भी रेखांकित किया।

पीएमओ ने कहा कि भारत-मध्य एशिया संवाद ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहन दिया है। भारत और मध्य एशियाई देश अगले वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ मनाएंगे।

रविवार को आयोजित संवाद में भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने पर जोर दिया और इस बात पर भी बल दिया कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों को पनाह देने, उन्हें प्रशिक्षण देने, आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने या उनके वित्त पोषण के लिए नहीं किया जाए।

शामिल देशों ने यह भी दोहराया कि आतंकवादी समूहों को पनाह देना, सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादियों का परोक्ष रूप से इस्तेमाल, आतंकवाद का वित्त पोषण और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार मानवता तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

क्षेत्रीय संपर्क पहलों का जिक्र करते हुए देशों ने कहा कि ऐसी परियोजनाएं पारदर्शिता, व्यापक भागीदारी, स्थानीय प्राथमिकताओं, वित्तीय निरंतरता के सिद्धांतों और सभी देशों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए।

मंत्रियों ने अफगानिस्तान की मौजूदा मानवीय स्थिति पर चर्चा की और अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने का फैसला किया।

संवाद में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के साथ ही अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने, महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक समझौता जल्द से जल्द स्वीकार करने का आह्वान किया।

विदेश मंत्रियों ने चाबहार बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) की रूपरेखा के तहत शामिल करने का स्वागत किया और मध्य तथा दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करने तथा विकास से संबंधित मुद्दों पर सहयोग में रुचि जतायी।

संवाद में भारत का पक्ष रखते हुए जयशंकर ने ‘चार सी’ दृष्टिकोण यानी वाणिज्य, क्षमता वृद्धि, कनेक्टिविटी और दो पक्षों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए संपर्कों पर केंद्रित रुख अपनाने पर जोर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी बैठक तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिति के बीच हुई है। कोविड-19 महामारी से वैश्विक स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है।’’

इस संवाद में शामिल पांच मध्य एशियाई देशों में से ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान की सीमाएं अफगानिस्तान से सटी हैं। इन पांचों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर 10 नवंबर को आयोजित एक क्षेत्रीय संवाद में भी हिस्सा लिया था। इसमें रूस ओर ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भी शिरकत की थी।

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