भारत में बढ़ रही है बेटी की चाहत, 78% पुरुषों और 79% महिलाओं को जरूर चाहिए एक लड़की
By गुलनीत कौर | Published: January 23, 2018 10:48 AM2018-01-23T10:48:17+5:302018-01-23T12:45:31+5:30
नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे के ताजा आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण भारत में शहरों की तुलना में बेटी चाहने वालों की संख्या ज्यादा है।
भारत में 79 प्रतिशत महिलाओं और 78 प्रतिशत पुरुषों को अपनी संतानों में कम से कम एक बेटी जरूर चाहिए। जी हां... भारत की ये बदलती हवा के बारे में तब पता चला जब हाल ही में नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे द्वारा एक सर्वे किया गया। जिसके अनुसार 15 से 49 वर्षीय महिलाओं और 15 से 54 वर्षीय पुरुषों, दोनों को अपने बच्चों में कम से कम एक बेटी चाहिए।
NFHS के इस सर्वे में केवल कुलीन वर्ग ही नहीं, बल्कि हर वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है। सर्वे के अनुसार भारत की अनुसूचित जातियों से लेकर पिछड़े हुए भारत में भी लोगों को संतान के रूप में बेटी जरूर चाहिए। शायद आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन बेटी की ये मांग ग्रामीण इलाके की महिलाओं में अधिक (81 प्रतिशत) है। शहरी महिलाओं में ये मांग घटकर 75 प्रतिशत है।
हम अक्सर कहते हैं कि शिक्षक व्यक्ति बेटा और बेटी में फर्क नहीं करता है, लेकिन सर्वे के अनुसार पढ़ी लिखी 72 प्रतिशत महिलाओं को बेटी चाहिए, जबकि गांव की 81 प्रतिशत अनपढ़ महिलाएं चाहती हैं कि उन्हें कम से कम एक बेटी जरूर हो। इसके साथ ही यह मांग ग्रामीण इलाके के 80 प्रतिशत पुरुषों में है, और दूसरी ओर शहरी इलाके के 75 प्रतिशत पुरुष ऐसी ख्वाहिश रखते हैं।
बेटियों के अलावा बेटों की बात करें तो हर वर्ग और जाति में 82 प्रतिशत महिलाओं और 83 प्रतिशत पुरुषों को कम से कम एक बेटा चाहिए। यह मांग भारत के बिहार में और भी अधिक बढ़ जाती है, जहां आज भी लोगों को बेटी से पहले बेटा ही चाहिए।
फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स