राष्ट्रीय शिक्षा नीतिः पीएम मोदी ने दिए पांच मूल मंत्र, कहा- हमें आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा
By रामदीप मिश्रा | Published: September 11, 2020 11:39 AM2020-09-11T11:39:03+5:302020-09-11T11:39:03+5:30
पीएम मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (NEP-2020) के तहत '21वीं सदी में स्कूली शिक्षा' पर एक सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया। हर व्यवस्था बदल गई। इन तीन दशकों में हमारे जीवन का शायद ही कोई पक्ष हो जो पहले जैसा हो। लेकिन वो मार्ग, जिस पर चलते हुए समाज भविष्य की तरफ बढ़ता है, हमारी शिक्षा व्यवस्था, वो अब भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही थी।
पीएम ने कहा कि हमें आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा। हमारे ये प्रयोग न्यू ऐज लर्निंग का मूलमंत्र होना चाहिए। इसमें इंगेज, एक्सप्लोर, एक्सपीरिंयस, एक्सप्रेस और एक्सल है। हमारे देश भर में हर क्षेत्र की अपनी कुछ न कुछ खूबी है, कोई न कोई पारंपरिक कला, कारीगरी, प्रोडक्ट हर जगह के मशहूर हैं। स्टूडेंट्स उन करघों, हथकरघों में विजिट करें, देखें आखिर ये कपड़े बनते कैसे हैं? स्कूल में भी ऐसे स्किल्ड लोगों को बुलाया जा सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है। लेकिन, ये काम अभी पूरा नहीं हुआ। अब तो काम की असली शुरुआत हुई है। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उतने ही प्रभावी तरीके से लागू करना है और ये काम हम सब मिलकर करेंगे है।
उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के इस अभियान में हमारे प्रिंसिपल्स और शिक्षक पूरे उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में देश भर के टीचर्स से MyGov पर उनके सुझाव मांगे थे। एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। ये सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद करेंगे।'
पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों में मेथमेटिकल थिंकिंग और साइंटिफिक टंपरेचर विकसित हो, ये बहुत आवश्यक है और मेथमेटिकल थिंकिंग का मतलब केवल यही नहीं है कि बच्चे मेथमेटिक्स के प्रॉब्लम ही सॉल्व करें, बल्कि ये सोचने का एक तरीका है। जब शिक्षा को आस-पास के परिवेश से जोड़ दिया जाता है तो, उसका प्रभाव विद्यार्थी के पूरे जीवन पर पड़ता है, पूरे समाज पर भी पड़ता है।