21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों एवं जरूरतों पर केंद्रित है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : राष्ट्रपति कोविंद

By भाषा | Updated: January 29, 2021 16:37 IST2021-01-29T16:37:49+5:302021-01-29T16:37:49+5:30

National education policy focuses on 21st century global challenges and needs: President Kovind | 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों एवं जरूरतों पर केंद्रित है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : राष्ट्रपति कोविंद

21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों एवं जरूरतों पर केंद्रित है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : राष्ट्रपति कोविंद

नयी दिल्ली, 29 जनवरी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि 21वीं सदी की वैश्विक आवश्यकताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है और ज्यादा से ज्यादा पात्र और ज़रूरतमंद छात्रों एवं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों का खास ध्यान रखा गया है।

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी दी गई है। किसी कोर्स के बीच में भी विषय और संकाय बदलने का विकल्प युवाओं को दिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री ई-विद्या के अंतर्गत, स्कूली शिक्षा के लिए दीक्षा ऑनलाइन पोर्टल को वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया है।

कोविंद ने कहा, ‘‘ विद्यार्थियों के हितों के लिए संवेदनशील इस सरकार ने इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कालेजों में दाखिले से जुड़ी जेईई और नीट परीक्षाओं का भी सफल आयोजन कर उनका एक साल व्यर्थ होने से बचाया है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि सबसे ज्यादा वंचित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक विकास की यात्रा, गुणवत्ता युक्त शिक्षा से आरंभ होती है। सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ ऐसे ही 3 करोड़ 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिल रहा है जिसमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वनवासी एवं जनजातीय वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा पात्र और ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियों का लाभ मिले।’’

छात्रों के लिये कल्याण योजनाओं का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में केंद्र सरकार के हिस्से को भी बढ़ाया जा रहा है। इसी प्रकार जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए हर आदिवासी बहुल ब्लॉक तक एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल के विस्तार का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अब तक इस प्रकार के साढ़े पांच सौ से ज्यादा स्कूल स्वीकृत किए जा चुके हैं। ’’

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के साथ साथ नौकरी की प्रक्रियाएं आसान करने और व्यवस्थित करने पर भी सरकार का जोर है। ग्रुप सी और ग्रुप डी में साक्षात्कार समाप्त करने से युवाओं को बहुत लाभ हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने नेशनल भर्ती एजेंसी का गठन करके नौजवानों को नियुक्ति के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देने की परेशानी से मुक्त किया है।

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Web Title: National education policy focuses on 21st century global challenges and needs: President Kovind

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