National Curriculum Framework: लिखित परीक्षा तीसरी कक्षा से शुरू हो, मूल्यांकन छात्रों पर अतिरिक्त बोझ न बनें, एनसीएफ मसौदा में उल्लेख, जानें अन्य बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2023 06:34 PM2023-04-07T18:34:31+5:302023-04-07T18:35:51+5:30
National Curriculum Framework: डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय ने एनसीएफ को शुरू करने और इसका मार्गदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया।
National Curriculum Framework: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे में विशिष्ट जांच और परीक्षा को दूसरी कक्षा तक के बच्चों के मूल्यांकन के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त बताते हुए सुझाव दिया गया है कि लिखित परीक्षा तीसरी कक्षा से शुरू होनी चाहिए।
मसौदे में कहा गया है कि मूल्यांकन की पद्धति ऐसी होनी चाहिए जिससे छात्र पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार किए जा रहे एनसीएफ में यह भी कहा गया है कि छात्रों के मूल्यांकन के लिए दो महत्वपूर्ण पद्धतियों में बुनियादी स्तर पर बच्चे के आकलन और सीखने के दौरान उसके द्वारा तैयार सामग्री का विश्लेषण अहम है।
इसमें यह भी कहा गया है कि विशिष्ट जांच और परीक्षा बुनियादी स्तर अर्थात दूसरी कक्षा तक के बच्चों के मूल्यांकन के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त हैं। एनसीएफ के मसौदे में कहा गया है कि बच्चों के बीच और उनके पठन पाठन के दौरान मूल्यांकन में विविधता को बढ़ावा देना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे अलग अलग तरीके से सीखते हैं और भिन्न तरीके से उसे अभिव्यक्त करते हैं।
मसौदे के अनुसार, सीखने के परिणाम एवं क्षमता संबंधी उपलब्धता का मूल्यांकन करने के अलग अलग तरीके हो सकते हैं। ऐसे में शिक्षक को एक समान सीखने के परिणाम के मूल्यांकन के लिए विभिन्न प्रकार की पद्धति तैयार करनी चाहिए तथा उन्हें उपयुक्त करीके से प्रयोग करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि मूल्यांक को रिकार्ड एवं दस्तावेज करने योग्य होना चाहिए।
छात्रों की प्रगति की व्याख्या एवं विश्लेषण नियोजित तरीके से साक्ष्य जुटाकर किया जाए। हालांकि, मूल्यांकन से छात्रों पर अतिरिक्त बोढ़ बढ़ाने वाला नहीं हो। एनसीएफ के मसौदे में तैयारी के स्तर (तीसरी से पांचवी कक्षा) में मूल्यांकन को लेकर कहा गया है कि इस स्तर पर लिखित परीक्षा पेश की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 2020 में पेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा सहित पूरी शिक्षा प्रणाली को बदलना है। एनईपी 2020 में आगे कार्य करते हुए, चार राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों की रूपरेखाओं को स्थापित की गयी है, अर्थात स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ, बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिए एनसीएफ, अध्यापक की शिक्षा के लिए एनसीएफ और प्रौढ़ शिक्षा के लिए एनसीएफ शामिल है।
डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय ने एनसीएफ को शुरू करने और इसका मार्गदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया। शिक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एनसीएफ पर पूर्व मसौदा जारी किया और इस पर विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई है। एनसीएफ को आखिरी बार 2005 में संशोधित किया गया था।