राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी दर्शन करने वाले नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री
By भाषा | Published: August 6, 2020 06:03 AM2020-08-06T06:03:37+5:302020-08-06T06:03:37+5:30
Ram Mandir Bhoomi Pujan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (पांच अगस्त) को पौराणिक नगरी अयोध्या में भूमि पूजन कर चांदी की ईंट और चांदी के फावड़े से ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की आधारशिला रखी।
अयोध्या: नरेन्द्र मोदी राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी आकर दर्शन करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बुधवार (5 अगस्त) को जारी बयान में दी गयी। पीएम मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और इससे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। बयान में कहा गया कि मोदी हनुमानगढ़ी आने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। श्रीराम जन्मभूमि आने वाले भी वह पहले प्रधानमंत्री बन गये हैं । बयान के अनुसार मंदिर के भव्य शुभारंभ में शामिल होने का सौभाग्य भी प्रधानमंत्री मोदी को मिला।
पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखकर कहा-खत्म हुआ सदियों का इंतजार
राम मंदिर निर्माण की नींव रखने के बाद मोदी ने कहा कि आज सदियों का इंतजार खत्म हुआ है। इत्तेफाक से पिछले साल पांच अगस्त के दिन ही भाजपा सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर विचारधारा से जुड़े अपने एक अन्य प्रमुख वादे को पूरा किया था।
दशकों तक हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद का केंद्र रहे श्री राम जन्मभूमि स्थल पर जब मोदी पूजा-अर्चना कर रहे थे, उस वक्त देशभर के लोग अपने घरों में टेलीविजन से चिपके रहे और इस पल के गवाह बने। पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने इस विवाद का निपटारा कर श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया था। ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित किया और इसकी शुरुआत ‘‘सियावर रामचंद्र की जय’’ और ‘‘जय सिया राम’’ के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि यह उद्घोष सिर्फ राम की नगरी में ही नहीं, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है।
बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे ‘‘हमारे रामलला’’ के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को और विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को इस ‘‘पवित्र’’ अवसर पर ‘‘कोटि कोटि’’ बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे ‘‘हमारे रामलला’’ के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा, ‘‘टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है।’’
राम मंदिर को राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक और भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न सिर्फ आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की प्रेरणा देगा, बल्कि अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने कहा- राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था
उन्होंने कहा, ‘‘15 अगस्त का दिन लाखों बलिदानों का प्रतीक है, स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई सदियों तक कई पीढ़ियों ने लगातार प्रयास किया और आज का यह दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।’’ मोदी ने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था।
उन्होंने कहा, ‘‘जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राम मंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए कि इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन ‘‘राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।’’
भगवान राम के विचारों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था। उन्होंने कहा, ‘‘प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्य पालन की सीख दी है। अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं, इसकी सीख दी है। उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है। हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राम मंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है।’’