किसानों के विद्रोह के बीच मोदी सरकार ने कहा- CAA के नियमों के लिए हो रही है तैयारी, देशभर में NRC लागू करने का फैसला अभी नहीं
By अनुराग आनंद | Published: February 3, 2021 12:01 PM2021-02-03T12:01:46+5:302021-02-03T12:09:01+5:30
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को यह भी स्पष्ट किया कि पूरे भारत के लिए नागरिक रजिस्टर (NRC) पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देशभर में हो रहे किसान आंदोलन के बीच एक बार फिर से सदन में सीएए व एनआरसी को लेकर बयान दिया है। सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत नियमों को तैयार किया जा रहा है।
डीएनए इंडिया के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि सीएए-19 को 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था और 20 जनवरी, 2020 से यह अमल में आया। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून-2019 के तहत नियमों तैयार किया जा रहा है।
लोकसभा एवं राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों के लिए अवधि भी बढ़ाकर क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई कर दी गई है ताकि सीएए के तहत नियमों को तैयार किया जा सके।
अभी देशभर में एनआरसी लागू करने का फैसला नहीं लिया गया है-
यही नहीं सरकार ने यह भी कहा है कि अभी देशभर में एनआरसी लागू करने का फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि सीएए कानून बनने के बाद देशभर में आंदोलन तेज हो गया था।
शाहीन बाग से शुरू हुआ आंदोलन पूरे देश में फैल गया था। सदन में बजट सत्र के दौरान एक भाजपा सांसद ने वर्तमान समय में दिल्ली के सभी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बारे में कहा कि इस आंदोलन को एक और शाहीन बाग न बनाएं।
सीएए के तहत इन देशों से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई का नागरिकता दिया जाएगा
सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।
इस कानून के तहत इन समुदायों के के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी इन तीन देशों में धार्मिक प्रताड़ता के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए। सीएए के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था।
NPR की जनगणना और अपडेशन के पहले चरण को स्थगित कर दिया गया है
कोरोना संक्रमण के कारण NPR की जनगणना और अपडेशन के पहले चरण को स्थगित कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में इस बात की जानकारी दी है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना को दो चरणों में करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पहले चरण की जनगणना के साथ नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का भी निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार और व्यक्ति के विवरणों को अपडेट किया जाना था। वहीं इस दौरान एनपीआर के अपडेशन के लिए किसी प्रकार के कोई दस्तावेज को एकत्र नहीं किया जाना था।