मोदी सरकार के पास प्रवासी मजदूरों की मौत व किसानों की आत्महत्या के आंकड़े नहीं
By अनुराग आनंद | Published: September 22, 2020 07:28 AM2020-09-22T07:28:39+5:302020-09-22T07:28:39+5:30
एक सांसद ने सरकार से किसानों की आत्महत्या को लेकर सवाल पूछा तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि किसानों की आत्महत्या से जुड़े आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद के दोनों सदन से कृषि संबंधी दो विधेयकों को पास करा लिया है। दोनों विधेयक के पास होते ही अब विपक्ष के साथ ही साथ देश भर के किसान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि सरकार धीरे-धीरे एमएसपी व्यवस्था को समाप्त करने के लिए यह कदम उठा रही है। वहीं, नरेंद्र मोदी सरकार समय के साथ इसे कृषि में बड़ा बदलाव बता रही है।
इस बीच सदन में जब एक सांसद ने सरकार से किसानों की आत्महत्या को लेकर सवाल पूछा तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि किसानों की आत्महत्या से जुड़े आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने एक सवाल के जवाब में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न वजहों से घर जाते समय प्रवासी मजदूरों की मौत के मामले में कहा था कि केंद्र सरकार के पास ये आंकड़े नहीं हैं।
किसानों, उत्पादकों एवं खेतिहर मजदूरों द्वारा आत्महत्या का आंकड़ा ‘शून्य’: सरकार
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का जिक्र करते हुए सदन को सूचित किया कि कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने विभिन्न प्रकार से पुष्टि किये जाने के बाद किसानों, उत्पादकों एवं खेतिहर मजदूरों द्वारा आत्महत्या का ‘शून्य’ आंकड़ा होने की बात कही है जबकि अन्य पेशों में कार्यरत लोगों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं की सूचना मिली है।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस कमी के कारण, कृषि क्षेत्र में आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई राष्ट्रीय आंकड़ा पुष्ट नहीं है और इसे अलग से प्रकाशित नहीं किया गया।’’ केंद्र ने कहा कि राज्य ये आंकड़े केंद्र सरकार को नहीं भेज रही है।
आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याओं के नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में 10,281 किसानों ने किसानों ने आत्महत्या की जबकि वर्ष 2018 में अपनी जान देने वाले किसानों की संख्या 10,357 थी।
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के नौकरी गंवाने और मौत का कोई आंकड़ा नहीं: सरकार
बीते दिनों भारत सरकार ने संसद में बताया था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के नौकरी गंवाने और मौत का कोई सटीक आंकड़ा उसके पास मौजूद नहीं है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से ये जानकारी लिखित जवाब के तौर पर दी गई थीं। साथ ही ये भी बताया गया था कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को बांटे गए राशन की राज्यवार जानकारी नहीं रखी है।
सरकार ने कहा, 'ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है।' संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ है और लोकसभा में लिखित जवाब के तौर पर सरकार की ओर ये बातें कही गईं। कोरोना संकट के इस दौर में लिखित में सवाल पूछे जा रह हैं। लिखित सवाल में कोरोना संकट के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों की भी जानकारी मांगी गई थी।
(पीटीआई इनपुट के आधार पर )