नागपुर की सड़क ठेका कंपनी ने उज्जैन एमपीआरडीसी से की 23.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

By बृजेश परमार | Published: February 9, 2022 06:58 PM2022-02-09T18:58:13+5:302022-02-09T19:05:50+5:30

नागपुर की टाप वर्थ इंफ्रास्टक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दो संचालकों पर 23.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है।

Nagpur's road contract company cheated Ujjain MPRDC of 23.37 crores | नागपुर की सड़क ठेका कंपनी ने उज्जैन एमपीआरडीसी से की 23.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsनागपुर की टाप वर्थ इंफ्रास्ट्रक्टर के खिलाफ धारा 409 और 420 के तहत मामला दर्ज हुआ है जांच में पता चला है कि सीबीआई ने भी किसी अन्य मामले में कंपनी पर केस दर्ज किया हुआ हैकंपनी ने मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के साथ 23.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है

उज्जैन। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन से उन्हेल-जावरा रोड के ठेकेदार ने 23.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। एमपीआरडीसी ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ नीलगंगा थाने में जांच का प्रतिवेदन देते हुए प्रकरण दर्ज करवाया है। पुलिस नागपुर की टाप वर्थ इंफ्रास्टर प्रा. लि के संचालकों पर भारतीय दंड विधान की धारा 409 और 420 के तहत मामला दर्ज किया है।

नीलगंगा थाना प्रभारी तरूण कुरील ने इस मामले में बताया कि मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन की ओर से सहायक महाप्रबंधक दीपक पिता सालीगराम शर्मा निवासी प्रशांति एवन्यू की शिकायत पर यह प्रकरण दर्ज किया गया है।

कार्पोरेशन ने शिकायत के साथ एक जांच प्रतिवेदन भी साथ में दिया था। जिसकी जांच से पता चला कि धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद पुलिस ने नागपुर की फर्म टाप वर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के दो संचालक सुरेंद्र पिता चंपालाल लोढ़ा और दीपक पिता मनोहर कटकवार को प्राथमिक स्तर पर आरोपी बनाया गया है।

थाना प्रभारी कुरील के अनुसार आरोपियों ने सितंबर 2018 से अक्टूबर 2020 के बीच 23.37 करोड़ रुपये की इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। प्रकरण में जांच के बाद अन्य तथ्य सामने आते हैं तो उस संबंध में धाराएं भी बढेंगी। पुलिस की अब तक की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आयी है कि कंपनी पर किसी मामले में सीबीआई ने भी प्रकरण दर्ज किया हुआ है। उस प्रकरण की भी जानकारी निकाली जा रही है।

इस तरह की धोखाधड़ी का एक अन्य मामला भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के संभागीय महाप्रबंधक सुरेश मनवानी के मुताबिक नागपुर की टापवर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक सुरेंद्र पिता चंपालाल लोढ़ा और दीपक पिता मनोहर कटकवार हैं। इन्होंने फर्म के नाम से कार्पोरेशन से अनुबंध करके उन्हेल से जावरा रोड की टोल वसूली का ठेका लिया।

अनुबंध के नियमानुसार कंपनी और कार्पोरेशन का संयुक्त खाता बैंक में खोला गया। सड़क की मरम्मत और देखभाल के लिए खोले गए इस खाते में से साल 2018 से साल 2020 के बीच करीब 45 करोड़ रुपए जमा हुए थे। उसके बाद भी कार्पोरेशन का प्रीमियम और रोड मेंटेनेस कंपनी के द्वारा नहीं दिया गया है। इस पैसे को कार्पोरेशन के साथ सड़क की मरम्मत और अन्य कामों के उपयोग के लिए कंपनी का अनुबंध था। इसके विपरित कंपनी के संचालकों ने कार्पोरेशन को बताए बगैर ही इस खाते में से 23.37 करोड़ रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।

साल 2020 में हुए आडिट की रिपोर्ट में जब इस बात का खुलासा हुआ तो कार्पोरेशन के अधिकारी हतप्रभ रह गए। कार्पोरेशन ने नियमानुसार कार्यवाही करते हुए टापवर्थ कंपनी का ठेका निरस्त करके अन्य कंपनी से करार करके उसे ठेका दिया है। इसके साथ ही कार्पोरेशन की और से सहायक महाप्रबंधक शर्मा ने कंपनी संचालकों के खिलाफ सितंबर 2021 में थाने में शिकायत दर्ज करा दी गई थी। कार्पोरेशन की शिकायत पर पुलिस ने कंपनी के संचालकों के खिलाफ धारा 420 और 409 में केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।

Web Title: Nagpur's road contract company cheated Ujjain MPRDC of 23.37 crores

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