नागपुर विश्वविद्यालय में इमारत निर्माण, मरम्मत और रखरखाव कार्य में घोटाला, रिपोर्ट में लाखों रुपए के घोटाले की पुष्टि, जानिए सबकुछ

By डॉ. आशीष दुबे | Published: January 8, 2021 04:24 PM2021-01-08T16:24:38+5:302021-01-08T16:26:28+5:30

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालयः घोटाले की पुष्टि विवि कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति की जांच में हुई है. इस मामले में कई लोगों पर गाज गिर सकती है.

Nagpur University building Scam repair maintenance work report worth lakhs rupees | नागपुर विश्वविद्यालय में इमारत निर्माण, मरम्मत और रखरखाव कार्य में घोटाला, रिपोर्ट में लाखों रुपए के घोटाले की पुष्टि, जानिए सबकुछ

घोटाले को संगठित ढंग से अंजाम दिया गया, जिससे किसी को कोई संदेह नहीं हुआ. (file photo)

Highlightsपिछले चार माह से जारी जांच की भनक अब तक किसी को नहीं लग पाई है.नैक के दौरे के बाद मामले की फाइल खोलकर दोषियों पर कार्रवाई हो सकती है.विवि कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी से संपर्क करने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

नागपुरः राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में इमारत निर्माण, मरम्मत व रखरखाव कार्य में लाखों रुपए का घोटाला हुआ है.

इस घोटाले की पुष्टि विवि कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति की जांच में हुई है. इस मामले में कई लोगों पर गाज गिर सकती है. 'लोकमत समाचार' को मिली जानकारी के मुताबिक इस पूरे मामले में काफी गोपनीयता बरती जा रही है. यही वजह है कि पिछले चार माह से जारी जांच की भनक अब तक किसी को नहीं लग पाई है.

सूत्रों ने बताया कि घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने से पहले विवि कुलपति डॉ. चौधरी और पुख्ता सबूत जुटाने में लगे हुए हैं. साथ ही अगले कुछ माह में पुनर्मूल्यांकन के लिए नैक समिति का दौरा है. मामले पर शांति बनी हुई है. नैक के दौरे के बाद मामले की फाइल खोलकर दोषियों पर कार्रवाई हो सकती है.

हालांकि इस संबंध में विवि कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी से संपर्क करने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सूत्रों ने बताया कि विवि में इमारत निर्माण, मरम्मत व रखरखाव (नई प्रशासकीय इमारत को छोड़कर) का कार्य पिछले 7 से 8 वर्षों से जारी था. घोटाले को संगठित ढंग से अंजाम दिया गया, जिससे किसी को कोई संदेह नहीं हुआ.

ऐसे हुआ खुलासा

सूत्रों ने बताया कि विवि कुलपति पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद डॉ. चौधरी ने अधिकारियों के साथ विवि के शैक्षणिक परिसर व अन्य विभागों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने नई इमारतों के निर्माण कार्य (नई प्रशासकीय इमारत को छोड़कर), मरम्मत व रखरखाव कार्यों की जानकारी मांगी.

इस दौरान उन्हें कागज पर दर्ज जानकारी के मुताबिक काम नहीं होने का संदेह हुआ. लिहाजा उन्होंने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. इस समिति ने जांच के दौरान उनके संदेह की पुष्टि की. बॉक्स घोटाले की राशि का आकलन नहीं हुआ विवि में पिछले 8 साल में इमारत निर्माण, मरम्मत व रखरखाव के कई बड़े कार्य हुए हैं. घोटाला कितनी राशि का हुआ है, अभी इसका आकलन नहीं हुआ है.

सूत्रों ने बताया कि समिति ने अभी इस बात की ही पुष्टि की है कि किस-किस इमारत के निर्माण, मरम्मत व रखरखाव के कार्य में कौन-कौन सी गड़बड़ी हुई है, किस में नहीं हुई है. घोटाले की राशि का आकलन करने के लिए एक अन्य समिति द्वारा जांच कराई जाएगी.

ठेकेदारों से भी हुई पूछताछ

सूत्रों ने बताया कि जांच समिति ने इमारत निर्माण, मरम्मत व रखरखाव का काम करने वाले ठेकेदारों से भी पूछताछ की है. इस दौरान समिति को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे भी ठेकेदार समिति के सदस्यों से मिले जिन्हें कार्य का ठेका नहीं दिया गया था.

Web Title: Nagpur University building Scam repair maintenance work report worth lakhs rupees

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