नागपुरः पटरी, कोच, इंजन का कबाड़ दे रहा है सोने का अंडा, मध्य रेलवे जोन ने 225 करोड़ से भरी अपनी तिजोरी
By आनंद शर्मा | Published: February 20, 2021 02:29 PM2021-02-20T14:29:27+5:302021-02-20T14:32:41+5:30
अजनी रेलवे स्टेशन के विकास एवं विस्तार का मार्ग साफ हो गया है. इस दिशा में काम भी आरंभ है. इतवारी रेलवे स्टेशन परिसर में करीब 500 एकड़ जगह उपलब्ध है.
नागपुरः मध्य रेलवे का कबाड़ 'सोने का अंडा देने वाली मुर्गी' वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. हम यह बात यूं ही नहीं कह रहे हैं.
बीते एक साल में मध्य रेलवे ने अपना कबाड़ बेचकर पूरे 225 करोड़ रुपए की कमाई की है. मध्य रेलवे के मटेरियल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की ओर से जीरो स्क्रैप मिशन चलाया जा रहा है. इसके जरिए मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत सभी मंडल (नागपुर, पुणे, भुसावल, सोलापुर और मुंबई), वर्कशॉप और शेड को कबाड़ मुक्त किया जा रहा है.
इस मिशन के तहत अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक मध्य रेलवे ने 224.96 करोड़ रुपए कीमत का कबाड़ बेचा है. इनमें कबाड़ हो चुकी रेल पटरी, परमानेंट वे मटेरियल, कंडम कोच, वैगन और रेल इंजन आदि का समावेश है. इस जीरो स्क्रैप मिशन से न केवल भारतीय रेलवे को काफी राजस्व मिल रहा है, बल्कि बड़े पैमाने पर जगह भी खाली हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2019-20 में मध्य रेलवे ने 56057.15 मीट्रिक टन कबाड़ रेल पटरी, कोच, इंजन आदि को बेचकर 321.46 करोड़ रुपए की कमाई की थी.
जोन में जीरो स्क्रैप मिशन पर अमल मध्य रेलवे के मटेरियल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की ओर से जोन अंतर्गत सभी मंडलों में जीरो स्क्रैप मिशन चलाया जा रहा है. इसके जरिए बीते लगभग एक साल में मध्य रेलवे ने कबाड़ बेचकर 225 करोड़ रुपए की कमाई की है. -शिवाजी सुतार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, मध्य रेलवे जोन
रेलवे के कबाड़ पर चोरों की गिद्ध निगाह रेलवे के करोड़ों रुपए कीमत के कबाड़ पर हमेशा से ही चोरों और कबाड़ माफिया की गिद्ध नजर रही है. पूर्व नागपुर में भी कुछ ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने रेलवे के कबाड़ से अपना बिजनेस एम्पायर खड़ा कर लिया है. साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाकर इन कबाड़ माफिया ने करोड़ों रुपए कीमत के रेलवे के लोहे को हजम किया है.
पीपीई किट, सैनिटाइजर, मास्क खरीदेः मध्य रेलवे का मटेरियल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने कोविड काल में अविरत चलाई जा रही मालगाड़ी और पार्सल ट्रेनों के बेहतर रखरखाव की दृष्टि से स्पेयर और अन्य जरूरी सामग्री खरीदने में अहम भूमिका निभाई है. इस विभाग ने तत्परता दिखाते हुए कम समय में निविदा जारी कर रेलवे के फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोविड से बचाने की दृष्टि से पीपीई किट, एन-95 मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स की खरीदी भी की.