नगालैंड गोलीबारी : आदिवासी संगठनों ने लोगों से सेना के साथ सहयोग न करने को कहा
By भाषा | Updated: December 14, 2021 23:10 IST2021-12-14T23:10:00+5:302021-12-14T23:10:00+5:30

नगालैंड गोलीबारी : आदिवासी संगठनों ने लोगों से सेना के साथ सहयोग न करने को कहा
कोहिमा, 14 दिसंबर नगालैंड में कोन्याक जनजाति के शीर्ष संगठनों ने कुछ नियमों की घोषणा की है, जिसमें सेना के साथ "सख्त असहयोग" शामिल है। संगठनों ने कहा है कि लोग इन नियमों का तब तक पालन करेंगे, जब तक कि इस महीने की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी राज्य में सुरक्षा बलों के एक विफल अभियान और उसके बाद की घटनाओं में 14 असैन्य नागरिकों की हत्या में न्याय नहीं मिल जाता है।
चार और पांच दिसंबर को सेना के जवानों द्वारा की गई गोलीबारी की तीन घटनाओं में मारे गए 14 लोगों में से 13 लोग नगालैंड की प्रमुख जनजातियों में से एक कोन्याक जनजाति के थे।
आदिवासियों के शीर्ष निकाय, कोन्याक यूनियन ने संयुक्त बयान में कहा कि कोन्याक न्यूपुह शेको खोंग और कोन्याक छात्र संघ ने आदिवासी समूह के सदस्यों से सेना की किसी भी रैली में हिस्सा नहीं लेने और सैन्य बलों से किसी तरह के पैकेज या मदद नहीं लेने को कहा है।
बयान में कहा गया, “भारतीय सैन्य बल के काफिले पर पूर्ण प्रतिबंध और कोन्याक की धरती पर गश्त तब तक जारी रहेगी जब तक कि उन 14 निर्दोष कोन्याक युवकों को न्याय नहीं मिल जाता, जो मारे गए थे।”
कोन्याक निकायों ने सभी प्रथागत जमींदारों को अपने अधिकार क्षेत्र में सेना के आधार शिविर स्थापित करने के लिए पिछले भूमि समझौतों को तुरंत खत्म करने का निर्देश दिया।
कोन्याक निकायों ने नागरिकों से मोन जिले में पिकनिक जैसे मौज-मस्ती में भाग लेने से परहेज करने का आग्रह किया। हालांकि, शादियों और चर्च के कार्यक्रमों जैसे पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों की अनुमति है।
उन्होंने राज्य सरकार से चार दिसंबर को हुई गोलीबारी में बचे दो लोगों के इलाज और सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की भी मांग की।
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