नगालैंड गोलीबारी: असम-नगालैंड सीमा पर काले झंडों की मांग

By भाषा | Updated: December 9, 2021 13:50 IST2021-12-09T13:50:37+5:302021-12-09T13:50:37+5:30

Nagaland firing: Demand for black flags on Assam-Nagaland border | नगालैंड गोलीबारी: असम-नगालैंड सीमा पर काले झंडों की मांग

नगालैंड गोलीबारी: असम-नगालैंड सीमा पर काले झंडों की मांग

(सुष्मिता गोस्वामी)

नामटोला (असम-नगालैंड सीमा), नौ दिसंबर असम के सीमावर्ती नामटोला कस्बे में वैसे तो किसी आम दिन जैसी ही स्थिति है लेकिन मुख्य सड़क पर स्थित दुकानों पर काले झंडे लहरा रहे हैं।

क्रिसमस की खुशी अनिश्चितता की भेंट चढ़ चुकी है और दुकानदारों के शोर-शराबों की जगह बस काना-फूसी देखने को मिल रही है। असम के चराइदेव जिले में नामटोला की छोटी बस्ती नगालैंड में प्रवेश की आखिरी बिंदु है। इस जगह पर छाई शांति यहां से 50 किलोमीटर दूर एक हुई एक दुखद घटना का स्पष्ट संकेत देती है।

किराने की दुकान चलाने वाले राणु डे कहते हैं, ‘‘ महामारी की शुरुआत से ही कारोबार मंदा है। लेकिन गोलीबारी की घटना के बाद यह एक एकदम गिर गया।’’

गौरतलब है कि चार दिसंबर को नगालैंड राज्य में मोन जिले के ओटिंग गांव में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गई। इस घटना के बाद हुई हिंसा में एक अन्य व्यक्ति और एक सैन्यकर्मी की भी मौत हो गई थी।

क्रिसमस से संबंधित वस्तुओं के खरीदार भले ही बहुत कम हों लेकिन अस्थायी दुकानों पर बिक रहे काले झंडे ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। ओटिंग पीड़ितों की याद में एक सप्ताह तक चलने वाले शोक के तहत मंगलवार से नगालैंड के सभी निजी वाहनों पर काले झंडे फहरा रहे हैं और नामटोला के दुकानदार इन्हें बेचकर कमाई कर रहे हैं।

होजाई जिले के लुमडिंग के रहनेवाले डे ने कहा, ‘‘मैंने बुधवार को कुछ झंडे बेचे। यह खुशी-खुशी करनेवाला सौदा नहीं है। लेकिन इससे जरूरत भर मेरी कमाई हो रही है और लोग झंडे खरीदना चाहते हैं।’’

वहीं अंतर-राज्यीय सीमा पार करने से पहले डे से काला झंडा खरीदनेवाले बाइक सवार व्यक्ति ने कहा, ‘‘ बुधवार को झंडे की कीमत 10 रुपये थी लेकिन आज यह 20 रुपये हो गई।’’ वहीं इस इलाके में खाद्य पदार्थों की बिक्री करनेवाले दुकानों पर भी आने वाले लोगों की संख्या इस घटना के बाद से बढ़ गई है।

यहां एक छोटा होटल चलाने वाले संजय शर्मा कहते हैं, ‘‘ हालांकि, ओटिंग का घटनास्थल दूसरी दिशा में है लेकिन सरकारी या मीडिया कर्मी हों, उन्हें जिला मुख्यालय मोन जाना पड़ता है और वे नामटोला से जाते हैं। सीमा पार करने के बाद खाने-पीने की ज्यादातर दुकानें नहीं हैं इसलिए लोग यहां खाने के लिए रूकते हैं।

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Web Title: Nagaland firing: Demand for black flags on Assam-Nagaland border

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