नबन्ना अभियान: जान पर खेलकर नारियल बेचने वाले शाहिद ने एसीपी की ऐसे बचाई जान, मस्जिद में दिलाया शरण

By भाषा | Published: September 16, 2022 06:01 PM2022-09-16T18:01:18+5:302022-09-16T19:05:46+5:30

नारियल बेचने वाले शाहिद ने बताया कि ''अधिकारी को कुछ प्रदर्शनकारी बेरहमी से पीट रहे थे। तभी अचानक एसीपी ने खुद को प्रदर्शनकारियों की गिरफ्त से मुक्त कर लिया और मैंने हिम्मत जुटाते हुए उन्हें उस भीड़ से बाहर खींच लिया।”

Nabanna march Shahidcoconut seller shahid saved kolkata police ACP life help him took refuge mosque | नबन्ना अभियान: जान पर खेलकर नारियल बेचने वाले शाहिद ने एसीपी की ऐसे बचाई जान, मस्जिद में दिलाया शरण

नबन्ना अभियान: जान पर खेलकर नारियल बेचने वाले शाहिद ने एसीपी की ऐसे बचाई जान, मस्जिद में दिलाया शरण

Highlightsनबन्ना अभियान के दौरान नारियल बेचने वाले शाहिद ने एक एसीपी की जान बचाई है। हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारी एसपी को पीट रहे थे तभी शाहिद ने भीड़ के बीच से उसे खिंच लिया। इसके बाद शाहिद एसपी को मस्जिद ले गया और पुलिस के आने तक उसके साथ रहा।

कोलकाता: उत्तरी कोलकाता में एक व्यस्त चौराहे के पास रोज की तरह शुक्रवार को भी अपनी रेहड़ी पर मुहम्मद शाहिद ने प्यासे ग्राहकों को नारियल पानी बेचने की अपनी दिनचर्या जारी रखी। 
कालाबागान इलाके के निवासी शाहिद ने मंगलवार को सचिवालय तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मार्च के दौरान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) देबजीत चटर्जी को आक्रोशित प्रदर्शनकारियों से बचाया था। 

मंगलवार की घटना का शाहिद है गवाह

इस घटना को याद करते हुए शाहिद ने बताया कि कई प्रदर्शनकारी रवींद्र सरानी-एमजी रोड पर एकत्र थे, जिसके पास वह रेहड़ी लगाते हैं। शाहिद ने कहा, ''वहां तनाव का माहौल था, दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकान बंद कर दी थी। अधिकारी और तीन अन्य पुलिसकर्मी एक वाहन में सवार हो कर एमजी रोड पहुंचे और मेरी रेहड़ी के सामने रुक गए। 

शाहिद ने आगे कहा, ''अचानक, हर जगह तोड़फोड़ होने लगी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को पीटना शुरू कर दिया और वहां त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) भी तैनात नहीं था।'' 

शाहिद ने एसीपी की जान बचाई और मस्जिद में ले गए

मामले में शाहिद ने बताया, ''अधिकारी को कुछ प्रदर्शनकारी बेरहमी से पीट रहे थे। तभी अचानक एसीपी ने खुद को प्रदर्शनकारियों की गिरफ्त से मुक्त कर लिया और मैंने हिम्मत जुटाते हुए उन्हें उस भीड़ से बाहर खींच लिया।” शाहिद ने कहा कि वह पुलिस अधिकारी को नजदीक स्थित एक मस्जिद के पास ले गए, जहां अन्य दुकानदारों ने उनकी मदद की। 

उन्होंने कहा, ''हमने एसीपी को पानी पिलाया। घायल होने के बावजूद, वह अपने चालक और अंगरक्षक के बारे में पूछ रहे थे। उन्हें मामूली चोटें आईं और हमने उनके पैरों से कांच के टुकड़े निकाले।'' इस पर विक्रेता ने बोला, ''पुलिस अधिकारी की मौत हो सकती थी क्योंकि आक्रोशित लोग उन्हें बेरहमी से पीट रहे थे। हालांकि, उन्होंने हेलमेट पहना हुआ था, जिसके चलते उनकी जान बच गई।''

 

शाहिद की हो रही है हर जगह तारीफ

आपको बता दें कि घटना के वक्त प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहन को आग के हवाले कर दिया था। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। ऐसे में पुलिसकर्मी की जान बचाने के लिए शाहिद की प्रशंसा की जा रही है। बड़ाबाजार पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी ने शाहिद को गुरुवार को थाने बुलाया और उसके इस बहादुरी भरे कार्य की सराहना की। 

ठीक होने के बाद एसीपी ने शाहिद से मिलने को कहा है

मामले में बोलते हुए शाहिद ने कहा, ''मैंने यह भी सुना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी मेरे कार्य से खुश हैं। एसीपी ने मुझे संदेश भेज कर कहा कि वह ठीक होने के बाद मुझसे मिलेंगे।'' गौरतलब है कि झड़प के दौरान कई पुलिस अधिकारी और मीना देवी पुरोहित तथा स्वप्न दासगुप्ता सहित भाजपा के कुछ स्थानीय नेता घायल हो गए। 
 

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