कोरोना संकट के बीच रहस्यमयी बीजों ने मचा दी पूरी दुनिया में खलबली, आखिर क्या है पूरा मामला, जानिए
By हरीश गुप्ता | Published: September 3, 2020 06:41 AM2020-09-03T06:41:24+5:302020-09-03T06:44:03+5:30
यह रहस्यमयी बीज कृषि उत्पादन को चौपट करने की क्षमता रखते हैं. यह बीज परंपरागत फसलों को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. साथ ही फसलों को बीमार कर सकते हैं.
भारत सहित पूरी दुनिया के किसानों को इन दिनों दुनियाभर में उपलब्ध कराए जा रहे 'रहस्यमयी' बीजों के बारे में सावधान किया गया है. भारत सरकार ने तो इसे पूरी गंभीरता से लेते हुए बीज तस्करों के खिलाफ रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह बीज राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने के साथ-साथ देश के कृषि उत्पादन को चौपट करने की क्षमता रखते हैं. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक मेमोरेंडम, जिसकी प्रति पिछले महीने ही लोकमत समाचार के पास आ चुकी थी, में पूरी दुनिया में भेजे जा रहे इन रहस्यमयी बीजों से आगाह किया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विदेशी आक्रामक प्रजाति के यह बीज परंपरागत फसलों को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. यह पर्यावरण और कृषि के अलावा पारिस्थितिकी तंत्र को भी तबाह कर सकते हैं.
फसलों में बीमारी के प्रसार की आशंका
केंद्र सरकार ने राज्यों को चेताया है कि वह राज्य में आने वाले बीजों के पार्सलों को लेकर ज्यादा सजग रहें. बीजों की यह रहस्यमयी प्रजाति फसलों में पेथोजन या बीमारी के प्रसार का प्रयास है.
इस आधिकारिक मेमोरेंडम (12-12/2018-एसडी-4 पार्ट 1) पर हस्ताक्षर करने वाले डॉ. दिलीप कुमार श्रीवास्तव (उप आयुक्त-क्वालिटी कंट्रोल, कृषि मंत्रालय) से जब लोकमत समाचार ने संपर्क साधा तो उन्होंने स्वीकारा कि ऐसी चेतावनी राज्यों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, बीज संगठनों, राज्य बीज प्रमाणन एजेंसियों, आईसीएआर और बीज निगम को भेजी है. चेतावनी में आशंका व्यक्त की गई है कि यह बीज हमारी बायो डायवर्सिटी के लिए खतरा हैं.
विदेशों में भी आतंक
उन्होंने बताया कि इन बीजों के हजारों पार्सलों ने अमेरिका, यूके, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान और कुछ यूरोपियन देशों को भी चिंता में डाल दिया है.
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि स्विट्जरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय बीज निगम ने विश्वस्तरीय समझौते का हिस्सा होने के कारण भारत को भी आगाह किया है, ताकि ऐेसे पार्सलों की देश में हर प्रवेश द्वार पर सख्ती से जांच हो. अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने इन हजारों रहस्यमयी पार्सलों को 'कृषि तस्करी' का नाम दिया है.