मोतियाबिंद ऑपरेशन में गड़बड़ी, आंख की रोशनी गंवाने के बाद महिला की मौत, 65 लोगों का ऑपरेशन हुआ था, कई गंभीर
By एस पी सिन्हा | Updated: December 2, 2021 17:34 IST2021-12-02T17:32:42+5:302021-12-02T17:34:00+5:30
मुजफ्फरपुर स्थित आई हास्पिटल में बीते 22 नवंबर को मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर आयोजित किया गया था. उसमें 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था.

कई मरीजों की हालत भी गंभीर बनी हुई है, जिनकी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं.
पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित आई हॉस्पिटल में हुई मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद आंखफोड़वा कांड की याद को ताजा करा देने वाली घटना में अब मौतें भी होने लगी हैं.
ऑपरेशन के बाद आंख गंवाने वाली एक महिला की आज मौत हो गई. मौत की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. आंख की रोशनी गंवाने के बाद पहली मौत है. वहीं, ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के कारण कई मरीजों की हालत बिगड़ गई है. अभी तक करीब डेढ़ दर्जन मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं.
जबकि अन्य कई मरीजों की हालत भी गंभीर बनी हुई है, जिनकी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं. इस मामले से बिहार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया है. स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय जांच के बीच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी दखल दी है. आयोग ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव से घटना की पूरी जानकारी तलब किया है.
घटना की जांच के लिए पटना से स्वास्थ्य विभाग की एक हाई लेवल टीम भी मुजफ्फरपुर भेजी गई है. जिन लोगों की आंख की रौशनी चली गई है, उनमें बंदरा के रामपुर दयाल गांव की जुबैदा खातून की आज मौत हो गई. जुबैदा का मोतियाबिंद का ऑपरेशन आई हॉस्पिटल में हुआ था. जुबैदा संक्रमण के बाद घर पर ही थी.
दूसरी ओर 22 नवंबर को ऑपरेशन कराने वाले सभी लोगों में संक्रमण की आशंका के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ रखा है. कई पीडितों के बारे में न तो विभाग के पास पर्याप्त जानकारी है और न ही उनकी कोई खोज-खबर ली जा रही है.
इसबीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर अस्पताल में हुए ऑपरेशन से जुड़ी तमाम चीजों की जानकारी देने का निर्देश दिया है. अस्पताल में आयोजित शिविर में डाक्टर ने 65 मरीजों का ऑपरेशन किया था. आयोग ने यह भी बताने को कहा है कि मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत एक डाक्टर एक दिन में कितने ऑपरेशन कर सकता है.
यहां बता दें कि कि मुजफ्फरपुर स्थित आई हास्पिटल में बीते 22 नवंबर को मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर आयोजित किया गया था. उसमें 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. संक्रमण के बाद हालत बिगड़ने पर मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराए गए कुछ और मरीजों की हालत भी गंभीर बनी हुई है. उनकी भी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं.