मुजफ्फरनगर दंगे: अदालत ने नफरत भरे भाषण के सिलसिले में एक सितंबर को होंगे आरोप तय

By भाषा | Published: August 24, 2021 05:50 PM2021-08-24T17:50:05+5:302021-08-24T17:50:05+5:30

Muzaffarnagar riots: Court to frame charges in connection with hate speech on September 1 | मुजफ्फरनगर दंगे: अदालत ने नफरत भरे भाषण के सिलसिले में एक सितंबर को होंगे आरोप तय

मुजफ्फरनगर दंगे: अदालत ने नफरत भरे भाषण के सिलसिले में एक सितंबर को होंगे आरोप तय

मुजफ्फरनगर के 2013 के सांप्रदायिक दंगे से संबद्ध नफरत भरे भाषण के सिलसिले में एक स्थानीय विशेष अदालत मंगलवार को पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों समेत 10 आरोपियों के विरूद्ध आरोप निर्धारित नहीं कर सकी क्योंकि वे (आरोपी) पेश नहीं हुए। पूर्व सासंद कादिर राणा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एस सैदुज्जमा और पूर्व विधायक मौलाना जमील एवं नूर सलीम समेत कई नेताओं के विरूद्ध आरोप तय नहीं किये जा सके। विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने 10 आरोपियों के विरूद्ध आरोप तय करने की तारीख एक सितंबर निर्धारित की है। आरोपी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने को लेकर अदालती सुनवाई का सामना कर रहे हैं। उन्होंने 0 अगस्त, 2013 को खालापार इलाके में (कथित उत्तेजक) भाषण दिया था। राणा ने 2007 में समाजवादी पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल का हाथ थाम लिया था परंतु बाद में वह 2009 में बहुजन समाज पार्टी में चले गये थे। अगस्त-सितंबर, 2013 में मुजफ्फरनगर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में सांप्रदायिक दंगे में 60 लोगों की जान चली गयी थी और 40000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने दंगे के मामलों की जांच के लिए एसआईटी बनायी थी। एसआईटी ने 175 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किये थे। पुलिस ने दंगे के सिलसिले में 6869 लोगों के विरूद्ध मामले दर्ज किये थे और 1480 लोगों को गिरफ्तार किया था।

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Web Title: Muzaffarnagar riots: Court to frame charges in connection with hate speech on September 1

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