मुस्लिम छात्रा को राज्य पुलिस कार्यक्रम में हिजाब पहनने की नहीं दी गई इजाजत, केरल सरकार बोली- धर्मनिरपेक्षता होगी प्रभावित
By आजाद खान | Published: January 28, 2022 07:41 AM2022-01-28T07:41:57+5:302022-01-28T09:43:43+5:30
इस पर सरकार ने कहा कि राज्य पुलिस के कार्यक्रम में इस तरह की छूट से प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता काफी प्रभावित होगी।
तिरूवनंतपुरम: केरल सरकार ने एक मुस्लिम छात्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें छात्र पुलिस कैडेट परियोजना में अपने धार्मिक रिवाजों के अनुसार हिजाब और पूरी बांह की ड्रेस पहनने की अनुमति मांगी गई थी। सरकार ने कहा कि राज्य पुलिस के कार्यक्रम में इस तरह की छूट से प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता काफी प्रभावित होगी। बता दें कि इस्लाम में महिला को यह अनिवार्य है कि वे घर से जब बाहर निकले तो हिजाब को पहने।
क्या कहा राज्य के गृह विभाग ने
छात्र पुलिस कैडेट (एसपीसी) परियोजना स्कूल-आधारित युवा विकास पहल है जो हाई स्कूल के छात्रों को उनके भीतर सम्मान पैदा कर लोकतांत्रिक समाज के भविष्य के नेताओं के रूप में विकसित होने के लिए प्रशिक्षित करता है।
राज्य के गृह विभाग ने अपने आदेश में कहा कि सरकार, छात्रा के ज्ञापन पर सावधानीपूर्वक गौर करने के बाद "पूरी तरह से संतुष्ट है कि शिकायतकर्ता की मांग विचारणीय नहीं है... इसके साथ ही, यदि छात्र पुलिस कैडेट परियोजना में इस तरह की छूट पर गौर किया जाता है, तो ऐसी मांग अन्य समान बलों में की जाएगी, जो राज्य की धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित करेगी।’’
सरकार ने कहा कि इसलिए इस तरह का कोई संकेत देना उचित नहीं होगा कि छात्र पुलिस कैडेट परियोजना में धार्मिक प्रतीकों को रेखांकित किया जाता है।
हिजाब को लेकर कई और मामले आ रहें सामने
हिजाब को लेकर यह पहला मामला नहीं है जहां महिलाओं को इसके इस्तेमाल से रोका गया है। कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छात्रों को हिजाब पहनने पर कक्षा में जाने से रोक दिया गया था। इसे लेकर विवाद भी सामने आया था।
हालांकि इसको लेकर कर्नाटक सरकार कॉलेजों में एक यूनिफॉर्म लाने की तैयारी भी कर रही है। गणतंत्र दिवस 2022 में इस बारे में बोलते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा जनेंद्र ने जानकारी दी है।