युवावस्था में प्रवेश करने पर मुस्लिम लड़की किसी से भी विवाह कर सकती है :अदालत

By भाषा | Updated: February 10, 2021 21:24 IST2021-02-10T21:24:05+5:302021-02-10T21:24:05+5:30

Muslim girl can marry anyone on entering puberty: court | युवावस्था में प्रवेश करने पर मुस्लिम लड़की किसी से भी विवाह कर सकती है :अदालत

युवावस्था में प्रवेश करने पर मुस्लिम लड़की किसी से भी विवाह कर सकती है :अदालत

चंडीगढ़, 10 फरवरी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि एक मुस्लिम लड़की जिसकी उम्र 18 साल से कम है लेकिन वह युवावस्था में पहुंच चुकी है तो वह ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के तहत किसी से भी शादी कर सकती है।

न्यायमूर्ति अल्का सरीन की पीठ ने विभिन्न अदालतों के आदेशों और मुस्लिम पर्सनल लॉ के नामी विद्वान सर दिनशा फरदुनजी मुल्ला द्वारा लिखित ‘मोहम्मडन कानून के सिद्धांतों’ की किताब के अनुच्छेद 195 के आधार पर यह फैसला सुनाया।

‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ पर मुल्ला की किताब के अनुच्छेद 195 के प्रावधानों का संदर्भ देते हुए पीठ ने कहा कि युवावस्था में प्रवेश करने पर मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ शादी कर सकती है।

किताब के अनुच्छेद 195 में ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के तहत शादी के लिए योग्यता की व्याख्या की गयी है। पीठ ने इसका उल्लेख किया और कहा कि इस प्रावधान के तहत कोई भी मुस्लिम लड़की युवावस्था में प्रवेश करने पर शादी कर सकती है।

पीठ ने अनुच्छेद 195 के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि साक्ष्य के अभाव में 15 साल उम्र होने पर समझा जाएगा कि लड़की युवावस्था में पहुंच गयी है।

न्यायमूर्ति सरीन ने 25 जनवरी को एक मुस्लिम जोड़े की याचिका पर यह फैसला सुनाया जिन्होंने अपने-अपने परिवारों से संरक्षण मुहैया कराने का अनुरोध किया था। व्यक्ति और लड़की की उम्र में अंतर होने के कारण परिवार के लोग उनकी शादी के खिलाफ थे।

इस मामले में व्यक्ति की उम्र 36 साल थी जबकि लड़की की उम्र केवल 17 साल थी। इस जोड़े ने पीठ से कहा कि दो साल पहले दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे और इस साल 21 जनवरी को मुस्लिम रीति रिवाज से उन्होंने शादी की।

याचिकाकर्ता ने अदालत में आरोप लगाया कि उन्हें अपने परिजनों से अपनी जान का खतरा है इसलिए उन्होंने मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से संरक्षण की मांग की है।

न्यायाधीश ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता की उम्र ‘मुस्लिम पर्सनल कानून’ के हिसाब से शादी योग्य है। न्यायाधीश ने मोहाली के एसएसपी को उनकी रक्षा के लिए कानून के तहत जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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Web Title: Muslim girl can marry anyone on entering puberty: court

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