अंधविश्वास में हत्या : पीड़िताओं को भी माता-पिता की तरह दोबारा जिंदा होने का था विश्वास

By भाषा | Updated: January 27, 2021 16:14 IST2021-01-27T16:14:31+5:302021-01-27T16:14:31+5:30

Murder in superstition: Victims also believed to be alive again like parents | अंधविश्वास में हत्या : पीड़िताओं को भी माता-पिता की तरह दोबारा जिंदा होने का था विश्वास

अंधविश्वास में हत्या : पीड़िताओं को भी माता-पिता की तरह दोबारा जिंदा होने का था विश्वास

चित्तूर (आंध्र प्रदेश),27 जनवरी आंध्र प्रदेश के चित्तूर में मां-बाप द्वारा कथित तौर पर मार डाली गईं दो युवतियों को भी अपने अभिभावकों की तरह मौत के बाद दोबारा जिंदा होने का अंधविश्वास था। यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को दी।

चित्तूर के पुलिस अधीक्षक सेंथिल कुमार ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने उस दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपनी ही बेटियों की कथित हत्या इस अंधविश्वास चलते की कि वे बुराइयों से मुक्त होकर दोबारा जिंदा हो जाएंगी।

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी मंगलवार को हुई और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ दंपति, बेटियों की हत्या की वजहों को लेकर स्पष्ट हैं। उनको कुछ मानसिक समस्या हो सकती है लेकिन वे बहुत ही अंधविश्वासी और आध्यात्मिक हैं।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘ अभिभावकों का भ्रमित करने वाला विचार है कि उनकी बेटियों पर बुरी आत्माओं का कब्जा था और वे(मरने के बाद) उनसे मुक्त होकर लौटेंगी। हमें बताया गया कि उनकी बेटियों की भी ऐसी ही राय थी।’’

कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि पीड़ितों को डम्बल जैसी जैसी से पीटा गया।

उन्होंने बताया कि माता-पिता ने बेटियों की कथित हत्या की क्योंकि कि उन्हें विश्वास था कि वे दोबारा जिंदा हो जाएंगी और उसके बाद चारों खुशी-खुशी रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह विकृत सोच जैसा मामला है।’’

आरोपियों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पूछने पर कुमार ने कहा कि इस मौके पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।

उल्लेखनीय है कि पुलिस ने सोमवार को बताया था कि उच्च शिक्षा प्राप्त दंपति ने कथित तौर पर अपनी दो बेटियों की हत्या इस उम्मीद के साथ कर दी कि वे आध्यात्मिक शक्तियों से दोबारा जिंदा हो जाएंगी क्योंकि कलयुग का अंत होकर सतयुग की शुरुआत होने वाली है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दंपति की भी आत्महत्या करने की योजना थी क्योंकि वे भी साबित करना चाहते थे कि वे जिंदा हो सकते हैं लेकिन समय पर पुलिस के पहुंचने से ऐसा नहीं हो सका।

उल्लेखनीय है कि वी पुरुषोत्तम नायडू विज्ञान में डॉक्टरेट है और मदनपल्ली स्थित महिला महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।

नायडू की पत्नी पद्मजा परास्नातक और स्वर्ण पदक विजेता है एवं स्थानीय निजी स्कूल में प्रधानाचार्य है।

वहीं मृत बड़ी बेटी अलख्या (27) भोपाल से परास्नातक कर रही थी जबकि छोटी बेटी साई दिव्या (22) संगीतकार एआर रहमान के संस्थान में शिक्षा प्राप्त कर रही थी।

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Web Title: Murder in superstition: Victims also believed to be alive again like parents

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