तरुण तेजपाल को निचली अदालत से मिली रिहाई के खिलाफ अपील करेगी गोवा सरकार, हाईकोर्ट ने कहा- साक्ष्यों की फिर से जांच की जरूरत है

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 23, 2022 09:50 PM2022-04-23T21:50:40+5:302022-04-23T21:57:09+5:30

तहलका के पूर्व प्रधान सम्पादक तरुण तेजपाल पर उनकी सहकर्मी के संग लिफ्ट में बलात्कार करने का आरोप लगा था।

mumbai high court give permission to appeal against tarun tejpal acquittal from goa trial court | तरुण तेजपाल को निचली अदालत से मिली रिहाई के खिलाफ अपील करेगी गोवा सरकार, हाईकोर्ट ने कहा- साक्ष्यों की फिर से जांच की जरूरत है

तरुण तेजपाल को निचली अदालत से मिली रिहाई के खिलाफ अपील करेगी गोवा सरकार, हाईकोर्ट ने कहा- साक्ष्यों की फिर से जांच की जरूरत है

Highlightsतरुण तेजपाल पर उनकी सहकर्मी ने साल 2013 में बलात्कार का आरोप लगाया थासाल 2021 में गोवा की निचली अदालत ने तरुण तेजपाल को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया थागोवा सरकार निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करना चाहती थी जिसे हाईकोर्ट की मंजूरी मिल गयी है

मुम्बई: मुम्बई हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि  तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान-सम्पादक तरुण तेजपाल को गोवा की निचली अदालत द्वारा बलात्कार के आरोप से बरी करने के मामले की 'गहरी जांच और पुनर्परीक्षा' की जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने गोवा सरकार को तरुण तेजपाल को बरी किए जाने के खिलाफ अपील करने की इजाजत दी है।

तरुण तेजपाल पर साल 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में एक सहकर्मी के संग बलात्कार करने का ओरप लगा था। मई, 2021 में तरुण तेजपाल को गोवा की निचली अदालत ने बरी कर दिया था।

न्यूजमिनट के अनुसार जस्टिस एमएस सोनक और आरएन लाढ़ा की पीठ ने इस मसले पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रतिवादी द्वारा पीड़िता को भेजे गये एसएमएस, वाटसेप मैसेज और ईमेल मैसेज की बारीकी से जाँच किए जाने की जरूरत है। इन साक्ष्यों की पीड़िता के बयान के रोशनी में पुनर्मुल्यांकन किया जाना चाहिए।

हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि इस मामले में एडिशनल सेशन जज क्षमा जोशी द्वारा किए गए प्रेक्षणों पर भी पुनर्विचार की जरूरत है।
उच्च अदालत ने कहा कि इस मामले को पुलिस में दर्ज कराने से पहले पीड़िता ने जिन वकीलों से सलाह ली थी उनके प्रेक्षण पर भी विचार किए जाने की जरूरत है।

तरुण तेजपाल ने गोवा सरकार द्वारा निचली अदालत के फैसलो को चुनौती देने के खिलाफ याचिका दायर की थी। तेजपाल ने कहा था कि राज्य सरकार ने उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। हाईकोर्ट ने तेजपाल के वकील अमित देसाई के दावे को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने तेजपाल को 15 दिन के अन्दर ट्रायल कोर्ट से जमानत लेने के लिए कहा है।

हाईकोर्ट ने तेजपाल को अदालत में अपना पासपोर्ट वापस लेने की याचिका दायर करने की भी इजाजत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि वादी 15 दिन के अन्दर ट्रायल कोर्ट में पेश हो जाएँ तो अदालत को उनका पासपोर्ट रिलीज किए जाने पर विचार करना चाहिए।

तेजपाल पर भारतीय दंडसंहिता की धारा 341, 342, 354, 354-ए, 354-बी, 376 के तहत मामला दर्ज किया गया है। गोवा की निचली अदालत ने तेजपाल 'संदेह के आधार' पर बरी कर दिया।

Web Title: mumbai high court give permission to appeal against tarun tejpal acquittal from goa trial court

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