कोरोना संकट में मुंबई के इस डॉक्टर कपल ने शुरू की अनूठी पहल, गरीब मरीजों के लिए कुछ ऐसे जुटा रहे दवाएं
By बलवंत तक्षक | Published: May 13, 2021 10:24 AM2021-05-13T10:24:20+5:302021-05-13T10:24:20+5:30
मुंबई के एक डॉक्टर कपल ने गरीबों की मदद के लिए एक खास पहल की शुरुआत की है। इसका नाम मेड्स फॉक मोर ((Meds For More) रखा गया है। इस पहल में कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से बची हुई दवाएं इकट्ठा करके जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाएगा ।
मुंबई: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हजारों लोग रोज जान गवां रहे हैं । खासकर मुंबई जैसे शहरों का तो इससे बुरा हाल है। ऐसे में कई लोग सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।
ऐसा ही मदद में मुंबई के एक कपल डॉक्टर जुटे है । गरीब लोगों को फ्री में दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए इस कपल ने खास पहल की है , जिसमें कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों से उनकी बची हुई दवाएं इकट्ठा की जा रही है ।
इस पहल को मेड्स फॉक मोर ((Meds For More) नाम दिया गया है। इसके तहत बची हुई दवाओं को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाएगा। मुंबई के कफ परेड इलाके में रहने वाले डॉ मार्कस रेने और उनकी पत्नी डॉ रैना के इस पहल में कई लोग उनका साथ दे रहे हैं ।
केवल 10 दिन में जुटाई 20 किलो दवाएं
इस पहल में ये कपल अपने उन सभी मरीजों से संपर्क कर रहे है , जो कोरोना से ठीक हो चुके है और उन्हें अपनी बची हुई दवाएं डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। पति-पत्नी की इस पहल को लोगों की बहुत सराहना मिल रही है और केवल दस दिनों में लगभग 20 किलो दवाएं इकट्ठा कर चुके हैं ।
इन दवाओं को एनजीओ की मदद से गांव के इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा । इस पहल से ऐसे लोगों को मदद मिलेगी , जो दवाओं को खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है । उन्हें इस पहल से मुफ्त में दवा मिलेगी ।
कोरोना संकट में कैसे आया ये आइडिया
अब ये जानना भी जरूरी है कि इस कपल को इतना शानदार आइडिया कैसे मिला । इसपर पति-पत्नी बताते है कि हमें यह आइडिया तब आय़ा जब हमने देखा कि हमारे स्टाफ के परिवार में एक सदस्य कोरोना संक्रमित हो गया था और पैसों की कमी के कारण इलाज में परेशानी आ रही थी। तब हमने तय किया कि हम उनकी मदद करेंगे और वहीं से आइडिया दिमाग में आया क्योंकि कुछ दवाएं इतनी महंगी होती है कि गरीब लोगों के लिए इसे खरीद पाना मुश्किल होता है ।
बाद में उनकी इस मुहिम से उनके बिल्डिंग के 8 लोग और जुड़ गए और फिर 100 बिल्डिंग के अन्य लोग इस मदद के लिए आगे आए । कई लोग अपनी इच्छा से इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।