मुंबई: शिंदे गुट और ठाकरे गुट के शिवसैनिकों में हुई भिड़ंत, पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ दर्ज किया केस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 11, 2022 05:37 PM2022-09-11T17:37:48+5:302022-09-11T17:46:03+5:30
मुंबई में गणेश विसर्जन के बाद उद्धव ठाकरे वाले शिवसेना और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
मुंबई: शिवसेना का चल रहा आपसी कलह रविवार तड़के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी खेल में बदल गया। जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे वाले शिवसेना और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
इस मामले में मुंबई की ओर जो जानकारी दी गई है, उसके अनुसार दोनों गुटों की ओर से पुलिस शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस शिकायत में विधायक सदा सर्वंकर सहित दोनों गुटों के 10 से 20 कार्यकर्ताओं को नामजद किया गया है।मुंबई पुलिस के अधिकारी के मुताबिक दादर पुलिस ने हिंसा के संबंध में शिवसेना के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
दोनों गुटों के बीच हिंसा की यह वारदात न्यू प्रभादेवी इलाके में हुई, जिसमें शिवसेना के पदाधिकारी संतोष तलावने पर महेश सावंत और 30 अन्य लोगों ने कथित तौर पर जानलेवा हमला किया। बताया जा रहा है कि हमले में घायल होने वाले संतोष तलवणे एकनाथ शिंदे खेमे से ताल्लूक रखते हैं, जबकि महेश सावंत उद्धव ठाकरे गुट से आते हैं।
घटना के संबंध में उद्धव ठाकरे गुट के समर्थक शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने शिंदे खेमे के विधायक सर्वंकर के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत कथित तौर पर हिंसा और मारपीट, सार्वजनिक स्थान पर गोलीबारी करने सहित कई अन्य आपराधिक मामलों में कार्रवाई की मांग की है।
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद दादर पुलिस थाने में अधिकारियों से मुलाकात की और उसके बाद उन्होंने कहा, "अगर उद्धव गुट के गिरफ्तार लोगों को रिहा नहीं किया गया और विधायक सर्वंकर के खिलाफ एक्शन नहीं हुई तो शिवसेना इसके लिए सड़कों पर उतरेगी, उसके बाद जनता को पता चलेगा कि असली शिवसेना कौन सी है।"
शिवसेना सांसद ने कहा कि शिंदे गुट ने गणेश विसर्जन के बाद उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं से कहासुनी हुई, उसके बाद रविवार की आधी रात दोनों गुटों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इसके साथ ही सांसद सावंत ने आरोप लगाया कि विधायक सर्वंकर ने उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं को गाली दी और सार्वजनिक स्थान पर उन्हें धमकाने के लिए दो बार गोली भी चलाई। शिवसेना प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि पूरे फसाद के समय पुलिस वहां मौजूद थी और वो इसकी गवाह है।
उन्होंने कहा, "पुलिस के सामने जब हमारे कार्यकर्ता दादर थाने में पहुंचे तो उनकी शिकायत को नहीं दर्ज किया गया। दादर थाने में अरविंद सावंत के साथ मौजूद राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मौके पर मौजूद पत्रकारों से कहा कि मुंबई पुलिस की एकतरफा कार्रवाई शिवेसना कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।"
दानवे ने कहा, "अगर दोनों पक्षों की गलती है, तो दोनों के खिलाफ समान कार्रवाई होनी चाहिए। हम शिकायत दर्ज करते हैं, तो उसे नहीं लिया जाता है और दूसरे गुट की पर पुलिस फौरन एक्टिव होती है और हमारे लोगों को गिरफ्तार कर लेती है।"
हालांकि, इस पूरे मामले में सफाई देते हुए शिंदे गुट के विधायक सर्वंकर ने कहा कि उन्होंने गोली नहीं चलाई है, उद्धव गुट उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए बुलाती है, तो वह जरूर जाएंगे और उनका सहयोग करेंगे।
वहीं शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावस्कर ने कहा कि विधायक सर्वंकर पर लगाये गये सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा, "सर्वंकर वाई श्रेणी की सुरक्षा घेरे में रहते हैं, इसलिए यह असंभव है कि उन्होंने सार्वजनिक स्थान पर गोली चलाई होगी। इस तरह के आरोप "बेबुनियाद और बचकाना" हैं।
मुंबई पुलिस के अधिकारी ने दोनों पक्षों की ओर से मामला दर्ज कराये जाने के बाद कहा कि दोनों गुटों की शिकायतों के आधार पर दादर पुलिस ने दो केस दर्ज किये हैं, जिनमें से एक सर्वंकर के भी खिलाफ है। दोनों ओर से शुरुआती प्राथमिकी होने के बाद पुलिस उपायुक्त प्रणय अशोक ने कहा कि जांच के बाद हमने दंगा और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि पुलिस हाथापाई और हिंसा में शामिल लोगों का पता लगा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संतोष तलवणे की शिकायत के आधार पर दादर पुलिस ने महेश सावंत सहित उद्धव गुट वाली शिवसेना के कुल पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
जमानत पर रिहा किये गया लोगों पर 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) सहित विभिन्न भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं दादर पुलिस स्टेशन में विधायक सर्वंकर सहित अन्य के खिलाफ शस्त्र अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत अलग से केस दर्ज किया गया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)