मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के वक्त लागू की गई शराब नीति पर उठाया सवाल, की जांच की मांग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 28, 2023 03:28 PM2023-02-28T15:28:55+5:302023-02-28T15:41:48+5:30
भारतीय जनता पार्टी मुंबई के प्रमुख आशीष शेलार ने मंगलवार को पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर दिल्ली की तरह आबकारी और शराब नीति घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग है।
मुंबई: दिल्ली से फैल रही आबकारी घोटाले की आग अब महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भी पहुंच गई है। भारतीय जनता पार्टी मुंबई के प्रमुख आशीष शेलार ने मंगलवार को पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर दिल्ली की तरह आबकारी नीति में घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
आशीष शेलार ने अपने ट्वीट में कहा, "आम आदमी पार्टी और महाविकास आघाडी सरकार की शराब नीति एक समान रही है। इसलिए महाविकास अघाड़ी सरकार की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए।"
आम आदमी पार्टी और महाविकास आघाडी सरकार की मद्य उत्पादकों के लिए लिकर पॉलिसी एक समान रही है। इसलिए मविआ सरकार की भी सीबीआय पुछताछ होनी चाहिए।@BJP4Mumbai@BJP4Maharashtra@AamAadmiParty#BudgetSession2023#MahabudgetSession#Maharashtra#MaharashtraPolitics#AshishShelarpic.twitter.com/9h0YSgFo9F
— Adv. Ashish Shelar - ॲड. आशिष शेलार (@ShelarAshish) February 28, 2023
उन्होंने आरोप लगाया है कि तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार जनवरी 2022 में एक नई शराब नीति लेकर आई थी, जिसमें लोकल दुकानों और सुपरमार्केट में भी शराब बिक्री को अनुमति दी गई थी।
शेलार का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले में जबरन वसूली का आरोप लगा है ठीक उसी तरह महाराष्ट्र की तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार और उसकी अगुवाई कर रहे उद्धव ठाकरे ने भी शराब घोटाले को अंजाम दिया है।
मुंबई भाजपा चीफ आशीष शेलार के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी शासन ने शराब निर्माताओं को उत्पाद प्रोत्साहन के नाम पर विदेशी शराब के टैक्स में भारी छूट दी और साथ में बार और पब के लाइसेंस फीस में भी छूट दी गई। इतना ही नहीं ठाकरे सरकार ने शराब से पैसे कमाने के चक्कर में लोकल दुकानों और सुपरमार्केट में भी शराब बिक्री की अनुमति दी थी।
मालूम हो कि महाराष्ट्र के नासिक, पुणे, सांगली, अहमदनगर, सोलापुर और बुलधनम में लगभग चार दर्जन शराब फैक्ट्रियां हैं, जो भारत के कुल शराब उत्पादन का 80 फीसदी उत्पादन करती हैं और शराब उत्पादन के जरिये सालाना 1000 करोड़ रुपये के घरेलू राजस्व में दो तिहाई से अधिक का योगदान शराब उद्योग का होता है।